छत्तीसगढ़ के नगर निगमों में मेयर का कार्यकाल समाप्त, कलेक्टर संभालेंगे चार्ज
Municipal body elections in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनावों में देरी की वजह से कई नगर निगमों में मेयर का कार्यकाल खत्म होने की स्थिति में है। चुनाव न होने की वजह से शहर की व्यवस्थाएं प्रभावित न हों, इसके लिए अब जिला कलेक्टरों को नगर निगमों का चार्ज सौंपने का फैसला लिया गया है।
राज्य सरकार ने जारी किया आदेश
Mayor’s tenure ends in these 10 municipal corporations of Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में कुल 10 नगर निगम हैं, जहां मेयर का कार्यकाल समाप्त होने के बाद कलेक्टर को प्रशासक नियुक्त किया जाएगा। सरकार ने इस संबंध में राजपत्र के माध्यम से आदेश जारी कर दिया है। यह कदम नगरीय निकायों में सुचारू प्रशासनिक कामकाज सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
राजनांदगांव: 2 जनवरी से कलेक्टर का चार्ज
राजनांदगांव नगर निगम में 2 जनवरी से कलेक्टर ने चार्ज संभाल लिया है। मेयर का कार्यकाल खत्म होने के बाद अब यहां जिला कलेक्टर नगर निगम के प्रशासक के रूप में जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
3 जनवरी को बिलासपुर और जगदलपुर में बदलाव
बिलासपुर और जगदलपुर नगर निगमों में 3 जनवरी को मेयर का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इसके बाद इन दोनों नगर निगमों का प्रभार भी संबंधित जिले के कलेक्टर को सौंपा जाएगा।
5 जनवरी को रायपुर समेत पांच नगर निगमों में बदलाव
राजधानी रायपुर समेत पांच नगर निगमों में 5 जनवरी को मेयर का कार्यकाल खत्म हो रहा है। रायपुर में मेयर एजाज ढेबर का कार्यकाल समाप्त होने के बाद जिले के कलेक्टर नगर निगम के प्रशासक का कार्यभार संभालेंगे। इसके अलावा धमतरी, दुर्ग, रायगढ़ और चिरमिरी में भी मेयर का कार्यकाल 5 जनवरी को समाप्त हो जाएगा। इन सभी जगहों पर संबंधित जिलों के कलेक्टर प्रशासनिक जिम्मेदारी निभाएंगे।
7 और 9 जनवरी को अंबिकापुर और कोरबा में बदलाव
अंबिकापुर नगर निगम में 7 जनवरी को मेयर का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। इसके बाद अंबिकापुर के कलेक्टर नगर निगम का कार्यभार संभालेंगे। इसी तरह, कोरबा नगर निगम का कार्यकाल 9 जनवरी को समाप्त हो रहा है। 9 जनवरी से कोरबा का प्रशासनिक जिम्मा भी कलेक्टर के हाथों में रहेगा।
चुनाव की मांग पर कांग्रेस का पत्र
मेयर का कार्यकाल समाप्त होने और प्रशासकों की नियुक्ति के बीच, कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर चुनाव जल्द कराने की मांग की है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार चुनावों को जानबूझकर टाल रही है। उन्होंने निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया है कि त्रिस्तरीय निकाय चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं।
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जनता की नजरें चुनाव प्रक्रिया पर
छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनावों में देरी के चलते जनता की नजरें अब सरकार और निर्वाचन आयोग पर टिक गई हैं। मेयर का कार्यकाल खत्म होने के बाद कलेक्टरों की नियुक्ति से शहर की व्यवस्थाओं को स्थिर रखने की कोशिश की जा रही है। लेकिन यह देखना होगा कि चुनाव कब तक संपन्न होते हैं और नए जनप्रतिनिधि कब जिम्मेदारी संभालते हैं।