
रायपुर, 20 फरवरी 2025। भिलाई विधायक देवेंद्र यादव को बलौदाबाजार हिंसा मामले में जमानत मिल गई है। महीनों से जेल में बंद देवेंद्र यादव अब जल्द ही जेल से बाहर आ जाएंगे। यह जमानत सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई के बाद मंजूर की है।
सुप्रीम कोर्ट ने देवेंद्र यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें जमानत दी, जिसके बाद उन्हें राहत मिली। इस फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्विटर पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “सर्वोच्च न्यायालय ने आज सरकारी षड्यंत्र में जेल में बंद भिलाई विधायक देवेंद्र यादव को जमानत दे दी है। यह सत्य की जीत है और सरकारी षड्यंत्र की हार है। आने वाले समय में यह साबित हो जाएगा कि उन्हें गलत तरीके से महीनों जेल में रखा गया।”
बलौदाबाजार हिंसा और गिरफ्तारी
यह मामला 10 जून 2024 को बलौदाबाजार में घटित हिंसा से जुड़ा हुआ है, जब सतनामी समाज ने जैतखाम तोड़े जाने का विरोध करते हुए कलेक्टर और एसपी ऑफिस को आग के हवाले कर दिया था। इस हिंसक घटना के बाद देवेंद्र यादव पर आरोप लगा कि उन्होंने भीड़ को भड़काया और आंदोलनकारियों का समर्थन किया। इसके बाद उन्हें 17 अगस्त 2024 को गिरफ्तार कर लिया गया था।
हालांकि, यादव ने अपनी गिरफ्तारी को पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में यह दलील दी थी कि वह हिंसा के दिन केवल एक सभा में शामिल हुए थे, लेकिन मंच पर नहीं गए और कोई भाषण भी नहीं दिया। उनके मुताबिक, कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति और हिंसक घटना के समय के बीच काफी अंतर था, और वह घटना के स्थल से कई किलोमीटर दूर अपने घर में थे।
जमानत का रास्ता और राजनीति से जुड़ी बातें
देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी के बाद उन्हें पहले स्थानीय कोर्ट और फिर हाईकोर्ट से भी जमानत में राहत नहीं मिल सकी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। कोर्ट ने उनकी दलील को स्वीकारते हुए जमानत मंजूर कर दी है।
अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि देवेंद्र यादव रायपुर जेल से कल तक बाहर आ सकते हैं, और उनके मामले में और भी तथ्यों की सच्चाई सामने आ सकती है।
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