India Pakistan War Mock Drill: भारत पाकिस्तान युद्ध से पहले 7 मई को होगा मॉक ड्रिल देश के 244 शहरों में, युद्ध से पहले बजेगा सायरन, लाइट होगा बंद, देखिए लिस्ट में आपका जिला है या नहीं

India Pakistan War Mock Drill: पिछले कुछ दिनों से भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में तल्खी बढ़ती जा रही है। खासकर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया है। भारत ने जवाबी रणनीति के तहत सुरक्षा तैयारियों को तेज कर दिया है। इसी के चलते 7 मई 2025 को देशभर में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। गृह मंत्रालय ने इसके लिए बाकायदा आदेश जारी कर दिए हैं।
सायरन बजेगा, लाइट जाएगी, लोग होंगे अलर्ट मोड में
Mock Drill: इस मॉक ड्रिल के दौरान एयर रेड वार्निंग सायरन बजाए जाएंगे, जिससे लोगों को बड़े खतरे की स्थिति में सतर्क रहने की प्रक्रिया सिखाई जाएगी। इसके अलावा क्रैश ब्लैकआउट की भी प्रैक्टिस कराई जाएगी — यानी अचानक लाइट काट दी जाएगी, ताकि दुश्मन की हवाई निगरानी से बचा जा सके। स्कूलों, ऑफिसों और पब्लिक प्लेसेज में आपातकालीन सुरक्षा तकनीकों का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
क्यों जरूरी है मॉक ड्रिल?
देश के नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयार करने की ये एक अहम कोशिश है। युद्ध की संभावनाओं के बीच ये मॉक ड्रिल लोगों को मानसिक और तकनीकी रूप से तैयार करने का एक तरीका है।
गृह मंत्रालय की मंशा साफ है— “तैयारी पहले, घबराहट नहीं”।
सायरन बजा और सब कुछ थम गया — पर क्यों?
India Pakistan War Mock Drill: सोचिए, आप अपने घर में चैन से बैठे हैं, TV पर चाय के साथ न्यूज़ देख रहे हैं… और तभी अचानक बाहर से एक खौफनाक सायरन की आवाज़ आती है — “ऊऊऊऊऊ…”
अरे! ये क्या? बिजली भी चली गई!
गली-मोहल्ले में अफरा-तफरी। लोग दरवाजे बंद कर रहे हैं, बच्चे खिड़की से झांक रहे हैं।
डरिए मत, ये कोई असली हमला नहीं…
ये है ‘मॉक ड्रिल’ – यानी एक फुल ड्रेस वॉर प्रैक्टिस।
युद्ध से पहले की युद्ध जैसी तैयारी — यही है मॉक ड्रिल
‘मॉक ड्रिल’ का मतलब होता है आने वाले खतरे की फुल रिहर्सल।
जैसे शादी से पहले हल्दी और संगीत की तैयारी होती है, वैसे ही जंग से पहले मॉक ड्रिल। फर्क बस इतना कि ये बहुत ज्यादा सीरियस और हाई अलर्ट चीज होती है।
इसमें सायरन बजते हैं, लाइट काट दी जाती है, कुछ इलाकों में ब्लैकआउट हो जाता है, और लोग छिपने की प्रैक्टिस करते हैं।
स्कूलों में बच्चों को बताया जाता है कि हमला हो तो कहां भागना है, कौन-सी जगह सबसे सुरक्षित है, और क्या करना है — डर कर नहीं, दिमाग से!
7 मई को देश के 244 शहरों में मॉक ड्रिल, देखिए लिस्ट में आपका जिला है या नहीं
गृह मंत्रालय की ओर से जारी लिस्ट के मुताबिक, कुल 244 शहरों/जिलों में यह ड्रिल होगी। इनमें देश के लगभग हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं। यहाँ कुछ प्रमुख राज्य और उनके जिलों की जानकारी दी जा रही है:
उत्तर भारत में कहां-कहां बजेगा युद्ध सायरन?
- उत्तर प्रदेश: लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, मेरठ, मथुरा, झांसी, बरेली, मुजफ्फरनगर समेत 18 जिले।
- पंजाब: अमृतसर, लुधियाना, बठिंडा, जालंधर, पटियाला, फिरोजपुर, मोहाली सहित कुल 19 जिले।
- राजस्थान: जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, अलवर, बाड़मेर, जैसलमेर, भरतपुर सहित 24 जिले।
- हरियाणा: गुड़गांव, फरीदाबाद, हिसार, अंबाला, पंचकूला, पानीपत समेत 11 जिले।
- दिल्ली: नई दिल्ली, दिल्ली छावनी और एनसीआर क्षेत्र।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर खास फोकस
- अनंतनाग, श्रीनगर, बडगाम, जम्मू, लेह, कारगिल, कुपवाड़ा, राजौरी, पुंछ, पुलवामा समेत 20 से ज्यादा जिले।
पूर्वोत्तर और सीमावर्ती राज्य भी अलर्ट पर
- असम: डिब्रूगढ़, गुवाहाटी, जोरहाट, तेजपुर, तिनसुकिया सहित 18 जिलों में मॉक ड्रिल।
- अरुणाचल प्रदेश: तवांग, बोमडिला, इटानगर जैसे सीमाई जिले शामिल।
- नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, सिक्किम — सभी में ड्रिल प्लान्ड है।
महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत में कहां बजेगा सायरन?
- महाराष्ट्र: मुंबई, पुणे, नासिक, औरंगाबाद, भुसावल, रत्नागिरी सहित 11 शहर।
- गुजरात: अहमदाबाद, सूरत, गांधीनगर, जामनगर, कांडला, वडोदरा, भावनगर, कच्छ समेत 17 जिले।
- तमिलनाडु: चेन्नई
- कर्नाटक: बेंगलुरु, रायचूर
- केरल: कोचीन, तिरुवंतपुरम
- आंध्र प्रदेश: हैदराबाद, विशाखापत्तनम
छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड और अन्य राज्यों की स्थिति
- छत्तीसगढ़: दुर्ग (भिलाई)
- बिहार: पटना, पूर्णिया, कटिहार, बरौनी, बेगूसराय
- झारखंड: बोकारो, गोड्डा, गोमियो
- ओडिशा: बालासोर, राउरकेला, तलचर, पुरी समेत 13 जिले।
- मध्य प्रदेश: भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर
- पश्चिम बंगाल: कोलकाता, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, आसनसोल, बर्धमान समेत 26 शहर।
मॉक ड्रिल कोई डराने वाला तमाशा नहीं, बल्कि सतर्क और सुरक्षित समाज की दिशा में एक जिम्मेदार कदम है। जब देश के बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण हों, तो जरूरी है कि देश के अंदर रहने वाले नागरिक भी तैयार रहें।
युद्ध जैसी परिस्थितियों में घबराने से नहीं, बल्कि समझदारी से काम लेने से जान बचती है। मॉक ड्रिल हमें यही सिखाती है— कैसे बचे रहें, कैसे दूसरों की मदद करें और कैसे सिस्टम का हिस्सा बनें।
इसलिए जब अगली बार सायरन बजे और लाइट गुल हो, तो समझिए ये एक रिहर्सल है… ताकि असली संकट में हम सब एकजुट और तैयार रहें।
सावधान रहें, सतर्क रहें और सिस्टम का सहयोग करें — क्योंकि सुरक्षा की पहली जिम्मेदारी हमारी अपनी होती है।
Also Read: Pahalgam Attack: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने पहलगाम हमले पर दी प्रतिक्रिया: छत्तीसगढ़ का लिया नाम…