16% स्कूलों के भवन जर्जर, सर्वाधिक 68% रायगढ़ में: छत्तीसगढ़ में 33 हजार शिक्षकों की भर्ती की फाइल अटकी, 37 हजार से ज्यादा पद अभी तक खाली
प्रदेश में शिक्षकों के 37 हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं। इसमें सहायक शिक्षक के ही 20 हजार से ज्यादा पद हैं। इनकी भर्ती की प्रक्रिया पर अब तक फैसला नहीं हो सका है। जबकि पूर्व शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मंत्री पद छोड़ने से पहले 33 हजार शिक्षकों की भर्ती की सिफारिश की थी। पर ये फाइल मंजूरी के इंतजार में अटकी है। दूसरी तरफ, राज्य के 16% स्कूलों (4595 स्कूल) के भवन जर्जर हैं। सर्वाधिक 68% (984 स्कूल) रायगढ़ जिले के हैं। रायपुर के स्कूलों की भी स्थिति ठीक नहीं है। यहां 20% स्कूलों के भवन जर्जर हैं।
दरअसल, नए शिक्षा सत्र 1 माह पहले शुरू हो चुका है, पर शिक्षकों की कमी और भवनों के जर्जर होने का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। प्रदेश के 5500 सरकारी स्कूल केवल एक शिक्षक के भरोसे हैं, जबकि 610 में एक भी शिक्षक नहीं हैं। केंद्र की यूडीआईएसई की 2021 -22 की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ के प्राइमरी स्कूल में 21 छात्रों पर एक शिक्षक, जबकि अपर प्राइमरी में 18 छात्रों, सेकेंडरी में 15 छात्रों और हायर सेकेंडरी में 17 छात्रोंपर एक शिक्षक है
भवनों की मरम्मत के लिए जारी हुए थे 2 हजार करोड़
स्कूल जतन योजना के तहत पिछली सरकार में जर्जर भवनों की मरम्मत और नवीन कक्ष निर्माण के लिए लगभग 2 हजार करोड़ रुपए जारी किए गए थे। इससे प्रदेश के 30 हजार स्कूलों में मरम्मत, निर्माण आदि कराया जाना था, पर कितने भवनों की मरम्मत या निर्माण हुआ, विभाग के पास जानकारी ही नहीं है।
10,719 स्कूलों में बाउंड्रीवॉल नहीं
सरकारी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा बड़ा मुद्दा है। पर हकीकत यह है कि 35% (10,719 स्कूल) स्कूलों में बाउंड़ी वॉल ही नहीं है। 519 स्कूल ऐसे जिनके पास अपना भवन ही नहीं है। इन स्कूलों के बच्चेया तो खुले में या फिर दूसरे किसी भवन में पढ़ने के लिए मजबूर हैं।