छत्तीसगढ़ में मजदूरों के बच्चों के लिए मुफ्त कोचिंग: नई उम्मीद की किरण
मजदूरों के बच्चों को मिलेगी नई उड़ान
छत्तीसगढ़ सरकार ने मजदूरों के बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए एक नई पहल शुरू की है। सरकार जुलाई से प्रदेश के 10 जिलों में मुफ्त कोचिंग क्लासेस शुरू करने जा रही है। इससे मजदूरों के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने का बेहतरीन मौका मिलेगा। आइए, इस योजना के विभिन्न पहलुओं पर एक नज़र डालते हैं।
मुफ्त कोचिंग क्लासेस: एक बड़ा कदम
कौन-कौन सी परीक्षाएं होंगी शामिल?
इस योजना के तहत, बच्चों को PSC, व्यापम, बैंकिंग, रेलवे, पुलिस भर्ती, कर्मचारी चयन आयोग जैसी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाएगी। इससे बच्चों को सरकारी नौकरी पाने का सपना पूरा करने में मदद मिलेगी।
कोचिंग की अवधि
इस कोचिंग की अवधि 4 से 10 महीने तक की होगी, जो बच्चों की शैक्षणिक योग्यता और उनकी तैयारी के अनुसार तय की जाएगी।
योजना के लाभार्थी
पात्रता मानदंड
यह योजना छत्तीसगढ़ भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के रजिस्टर हितग्राहियों के लिए है। अगर किसी पंजीकृत श्रमिक की मृत्यु हो चुकी है, तब भी उनके बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
आवेदन प्रक्रिया
आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए उम्मीदवार चॉइस सेंटर या श्रम कार्यालय के जरिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पुराने अधिसूचना के अनुसार, 9 जून 2020 से पहले मरे श्रमिकों के बच्चे भी इस योजना के पात्र हैं।
कोचिंग का स्वरूप
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प
इस कोचिंग का स्वरूप भी बेहद लचीला है। छात्र अपने सुविधानुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यमों से कोचिंग ले सकते हैं। इससे उन छात्रों को भी सुविधा मिलेगी, जो समय या दूरी की वजह से केवल ऑनलाइन ही कोचिंग लेना चाहते हैं।
जिलों में कोचिंग की शुरुआत
ये हैं वे 10 जिले
रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, धमतरी, राजनांदगांव, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर चांपा, महासमुंद जिले में इस योजना की शुरुआत की जा रही है।
सरकार का उद्देश्य
बच्चों का समग्र विकास
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि इस योजना का उद्देश्य मजदूरों के बच्चों का समग्र विकास करना है, ताकि वे समाज में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बना सकें।
श्रम मंत्री का बयान
मंत्री लखन लाल देवांगन का बयान
श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि इस योजना के जरिए सरकार मजदूरों के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में भी सशक्त बनाना चाहती है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने में मदद करेगा।
कोचिंग का समय
समय की सीमा
इस कोचिंग का समय 4 से 10 महीने तक का होगा, जो बच्चों की आवश्यकताओं और तैयारी के अनुसार होगा। इससे बच्चों को परीक्षा की पूरी तैयारी करने का समय मिलेगा।
कोचिंग की विशेषताएं
परीक्षा की तैयारी
इस कोचिंग के दौरान बच्चों को परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ, समय प्रबंधन, प्रश्न पत्र हल करने की तकनीक, और मानसिक तैयारी भी सिखाई जाएगी।
आवेदन करने का तरीका
कैसे करें आवेदन?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए, उम्मीदवार चॉइस सेंटर या श्रम कार्यालय के जरिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों की जरूरत होगी, जैसे कि श्रमिक का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र, बच्चे की शैक्षणिक योग्यता का प्रमाण पत्र, आदि।
योजना की विशेषताएं
सभी के लिए समान अवसर
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह सभी पात्र बच्चों को समान अवसर प्रदान करती है। इससे बच्चों को सरकारी नौकरियों की तैयारी के लिए बेहतर संसाधन मिलेंगे।
बच्चों का उत्साह
बच्चों की प्रतिक्रिया
इस योजना से बच्चों में एक नई ऊर्जा और उत्साह देखा जा रहा है। उन्हें अपने भविष्य के प्रति नई उम्मीदें मिल रही हैं।
कोचिंग सेंटरों का वितरण
प्रत्येक जिले में कोचिंग सेंटर
रायपुर, दुर्ग, और बिलासपुर में 50-50 सीटें हैं, जिनमें अब तक चार बैच भरे जा चुके हैं। अन्य जिलों में भी जल्द ही बैच शुरू हो जाएंगे।
योजना का मूल्यांकन
सरकार की पहल
इस योजना के माध्यम से, छत्तीसगढ़ सरकार मजदूरों के बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।
भविष्य की दिशा
इस योजना से मजदूरों के बच्चों को सरकारी नौकरियों की तैयारी में मदद मिलेगी और वे समाज में अपने पैरों पर खड़े हो सकेंगे।