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NACHA: अमेरिका में छत्तीसगढ़ी संस्कृति का संरक्षण

छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत का प्रसार

छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर अब केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना रही है। इस संस्कृति को विदेशों में बढ़ावा देने में नॉर्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन (NACHA) महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह संगठन 17 फरवरी 2017 को रायपुर की दीपाली सारावगी द्वारा स्थापित किया गया, जो अमेरिका में बसे छत्तीसगढ़ी मूल के लोगों द्वारा संचालित है।


NACHA की स्थापना का उद्देश्य

भारत में आपसी जुड़ाव और समुदाय का भाव हर जगह देखने को मिलता है। लेकिन अमेरिका जैसे देशों में रहकर अपनी जड़ों से जुड़े रहना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यहां भाषा, परंपरा और संस्कृति साझा करने वाले लोगों की कमी महसूस होती है।

दीपाली सारावगी ने इस सांस्कृतिक खाई को पाटने के लिए NACHA की नींव रखी। विभिन्न भारतीय राज्यों के लिए तो संगठन पहले से मौजूद थे, लेकिन छत्तीसगढ़ के लिए ऐसा कोई प्लेटफ़ॉर्म नहीं था। दीपाली ने एक ऐसा मंच बनाने का सपना देखा, जो छत्तीसगढ़ी प्रवासियों को जोड़ सके, उनकी संस्कृति को मनाए और उन्हें अपनी जड़ों से जुड़े रहने का एहसास कराए।


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NACHA: छत्तीसगढ़ी समुदाय को जोड़ने का प्रयास

NACHA ने शुरुआत में सोशल मीडिया का सहारा लेकर अमेरिका के अलग-अलग शहरों में बसे छत्तीसगढ़ी मूल के लोगों को जोड़ने का काम किया। धीरे-धीरे यह समुदाय बढ़ता गया और आज NACHA के पास 3,500 से अधिक छत्तीसगढ़ी प्रवासियों का मजबूत नेटवर्क है।


NACHA का काम: सांस्कृतिक संरक्षण से समाजसेवा तक

NACHA केवल छत्तीसगढ़ की संस्कृति को विदेश में संरक्षित ही नहीं करता, बल्कि अपने समाज के उत्थान में भी योगदान देता है। इसका एक प्रमुख प्रयास है “उड़ान प्रोग्राम”।

उड़ान प्रोग्राम: शिक्षा में योगदान

इस प्रोग्राम के तहत छत्तीसगढ़ के आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन प्रतिभाशाली छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है। NACHA की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से छात्र आवेदन कर सकते हैं। उनके आवेदन की समीक्षा कर उन्हें शिक्षा जारी रखने में मदद दी जाती है।


त्योहारों की धूम: एकजुटता का प्रतीक

NACHA ने अपने सदस्यों के लिए एक ऐसा मंच तैयार किया है, जो उन्हें घर जैसा माहौल देता है। यहाँ तीज, राज्योत्सव और स्वतंत्रता दिवस जैसे छत्तीसगढ़ी त्योहारों को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

संगठन द्वारा बच्चों के लिए स्पेलिंग बी, समर कैंप, पिकनिक और होली जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। इससे बच्चों को अपनी जड़ों से जुड़ने और छत्तीसगढ़ी परंपराओं को समझने का अवसर मिलता है।


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