रायपुर, 19 जून 2024: छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग टीबी (तपेदिक) के मरीजों की पहचान करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) मशीन का इस्तेमाल करेगा। यह पहल राज्य में टीबी के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने में मदद करेगी और देश को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के केंद्र सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान देगी।
एआई मशीन कैसे काम करेगी:
- स्वास्थ्य विभाग की टीमें एआई हैंडहेल्ड एक्स-रे मशीनों से लैस होंगी।
- ये मशीनें केवल 30 सेकंड में मरीजों के फेफड़ों का एक्स-रे कर सकती हैं।
- एक्स-रे की रिपोर्ट तुरंत उपलब्ध होगी, जिससे संदिग्ध मामलों की त्वरित पहचान हो सकेगी।
- जिन मरीजों में संक्रमण पाया जाएगा, उन्हें आगे के इलाज के लिए अस्पताल भेजा जाएगा।
- यह प्रक्रिया ग्रामीण क्षेत्रों में भी की जाएगी जहां एक्स-रे सुविधाएं सीमित हैं।
इस पहल के फायदे:
- यह मरीजों के लिए सुविधाजनक और समय बचाने वाला होगा।
- यह स्वास्थ्य विभाग को टीबी के मामलों की अधिक प्रभावी ढंग से निगरानी और प्रबंधन करने में मदद करेगा।
- यह ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए टीबी की जांच और उपचार तक पहुंच में सुधार करेगा।
टीबी के लक्षण:
- खांसी जो तीन सप्ताह या उससे अधिक समय तक बनी रहती है
- बुखार
- रात में पसीना आना
- थकान
- भूख न लगना
- वजन घटना
यदि आपको ये लक्षण दिखाई देते हैं, तो कृपया तुरंत डॉक्टर से मिलें।
यह पहल छत्तीसगढ़ में टीबी के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह उम्मीद की जाती है कि इससे राज्य में टीबी के मामलों में कमी आएगी और लोगों के स्वास्थ्य में सुधार होगा।