छत्तीसगढ़

रायपुर में पुलिस स्मृति दिवस: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने चौथे कोर छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल गैलरी में दी श्रद्धांजलि

हर साल 21 अक्टूबर को, पुलिस स्मृति दिवस पर, हम उन वीर जवानों को याद करते हैं जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। इस दिन की अहमियत सिर्फ़ देश के रक्षा बलों तक सीमित नहीं है, बल्कि आम नागरिकों के दिलों में भी गहरी छाप छोड़ता है। इसी कड़ी में, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर स्थित चौथे कोर छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल गैलरी में श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस आयोजन की महत्ता

क्या कभी आपने सोचा है कि ऐसे आयोजनों की गहरी भावना क्या होती है? हम अक्सर समारोहों को औपचारिकता समझ लेते हैं, लेकिन यह कार्यक्रम हमें उन शहीदों की याद दिलाते हैं जो हर दिन हमारी सुरक्षा के लिए तत्पर रहते हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का यह कदम न सिर्फ़ उन शहीदों को श्रद्धांजलि है, बल्कि हमें भी प्रेरित करता है कि हम अपने कर्तव्यों के प्रति ईमानदार रहें।

पुलिस स्मृति दिवस: क्या है इसकी पृष्ठभूमि?

पुलिस स्मृति दिवस की शुरुआत

पुलिस स्मृति दिवस 1959 से मनाया जा रहा है, जब लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में चीनी सैनिकों के साथ मुठभेड़ के दौरान 10 भारतीय पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवाई थी। यह दिवस उन जवानों के साहस और बलिदान का प्रतीक है, जिन्होंने दुश्मन के सामने डटकर मुकाबला किया।

छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की भूमिका

छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल राज्य की सुरक्षा व्यवस्था का मजबूत स्तंभ है। नक्सल प्रभावित इलाकों से लेकर राज्य की आंतरिक सुरक्षा में इस बल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस वर्ष, चौथे कोर में आयोजित यह कार्यक्रम विशेष रूप से उन वीर जवानों की याद में किया गया जो देश की आंतरिक सुरक्षा में शहीद हुए हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का उद्बोधन

उनके संबोधन की प्रमुख बातें

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने संबोधन में कहा, “आज हम उन वीर सपूतों को याद कर रहे हैं जिन्होंने देश और राज्य की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। उनकी वीरता और बलिदान हमें हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।” उन्होंने आगे कहा कि यह सिर्फ़ एक दिन नहीं है, बल्कि यह दिन हमें साल भर याद दिलाता है कि हमारी सुरक्षा के लिए कितने जवान अपनी जान कुर्बान कर चुके हैं।

राज्य की सुरक्षा में जवानों का योगदान

विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ पुलिस और सशस्त्र बलों की प्रशंसा की, जो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी निडर होकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारे जवानों का समर्पण और उनकी बहादुरी हमें गर्व महसूस कराती है।”

कार्यक्रम की झलकियां

इस कार्यक्रम में कई उच्च अधिकारी, सशस्त्र बल के जवान, और शहीदों के परिवार उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने शहीदों की याद में पुष्पांजलि अर्पित की और एक संक्षिप्त सभा का आयोजन किया गया, जिसमें जवानों के बलिदान को नमन किया गया।

छत्तीसगढ़ के लिए विशेष महत्व

छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां सुरक्षा की चुनौती हमेशा बनी रहती है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस और सशस्त्र बलों का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है। इस स्मृति दिवस ने राज्य की सुरक्षा को नई दिशा दी है, जहां जवानों की भूमिका को सराहा गया।

जवानों के लिए सुविधाओं की घोषणा

सरकार की नई योजनाएं

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस मौके पर घोषणा की कि राज्य सरकार जल्द ही जवानों और उनके परिवारों के लिए विशेष सुविधाएं लागू करने वाली है। इसमें शहीद जवानों के परिवारों को आर्थिक सहायता, बच्चों की शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति, और स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी शामिल होगी।

शहीदों के परिवारों से मुलाकात

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिवारों से भी मुलाकात की और उनके दुख-सुख में साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार शहीद परिवारों के साथ हमेशा खड़ी है और उनकी हर संभव मदद करेगी।”

छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल गैलरी: वीरता की अमर कहानी

चौथे कोर छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल गैलरी एक ऐसा स्थान है जहां राज्य के वीर जवानों की कहानियां जीवित हैं। यह गैलरी उन सभी पुलिसकर्मियों और सशस्त्र बल के जवानों की स्मृति में बनाई गई है जिन्होंने राज्य और देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति दी।

गैलरी की विशेषताएं

  • वीरता की कहानियां: यहां हर कोने में शहीद जवानों की वीर गाथाएं प्रदर्शित की गई हैं।
  • युद्ध के चित्र: गैलरी में उन मुठभेड़ों और संघर्षों के चित्र हैं, जिनमें जवानों ने अद्वितीय साहस दिखाया।
  • स्मृति स्थल: एक विशेष स्मृति स्थल पर शहीद जवानों के नाम अंकित हैं, जो हर आगंतुक को गर्व और सम्मान से भर देते हैं।

जवानों के योगदान को सलाम

छत्तीसगढ़ के सशस्त्र बलों और पुलिसकर्मियों के बलिदान को हम शब्दों में नहीं बांध सकते। उनके योगदान को सलाम करते हुए, यह स्मृति दिवस हमें याद दिलाता है कि वे हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगे।

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