
रायपुर: Bihar Diwas: छत्तीसगढ़ में इस साल 22 मार्च को सरकारी स्तर पर ‘बिहार दिवस’ मनाया जाएगा, लेकिन इस आयोजन को लेकर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और बिहार सरकार के मंत्री नितिन नबीन इस कार्यक्रम में शामिल होंगे, जहां प्रवासी बिहारी समाज के सफल व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बिहार राज्य के गठन के ऐतिहासिक अवसर को मान्यता देना है, जो 22 मार्च 1912 को बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग होकर अस्तित्व में आया था।
कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया
इस आयोजन को लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री उमेश पटेल का कहना है कि ‘बिहार दिवस’ का आयोजन छत्तीसगढ़ में करने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने इसे केवल भाजपा का एक राजनीतिक कदम करार दिया, जो चुनाव के समय प्रचार करने के लिए इस तरह के आयोजनों का सहारा लेती है। उमेश पटेल ने कहा, “अगर बिहार दिवस मनाना है, तो यह बिहार में ही मनाया जाना चाहिए।”
भाजपा का कांग्रेस पर पलटवार
कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि भाजपा चुनाव देखकर काम नहीं करती, बल्कि देश की एकता और सांस्कृतिक एकजुटता के लिए काम करती है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि “कांग्रेस ने हमेशा देश को बांटने का काम किया है, जबकि भाजपा सभी राज्यों और संस्कृतियों को जोड़ने में विश्वास रखती है।”
बिहार विधानसभा चुनाव और भाजपा की रणनीति
इस राजनीतिक विवाद के बीच एक और महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अक्टूबर-नवंबर में प्रस्तावित इन चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में भाजपा का छत्तीसगढ़ में ‘बिहार दिवस’ मनाना, बिहारी मूल के मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की रणनीति भी मानी जा रही है। बिहार भाजपा पहले से ही राज्य में अपनी स्थिति मजबूत करने के प्रयास कर रही है, और ऐसे आयोजनों से उसे राजनीतिक लाभ मिलने की संभावना जताई जा रही है।
बिहार दिवस पर जारी सियासी बवाल
बिहार दिवस को लेकर विवाद और सियासी बयानबाजी का सिलसिला जारी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ और ‘सबका साथ, सबका विकास’ के दृष्टिकोण से जोड़ते हुए इसे एक स्नेह मिलन कार्यक्रम बताया।
वहीं, पीसीसी चीफ दीपक बैज ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ दिवस मनाने के लिए चिट्ठी लिखेंगे? उनका आरोप है कि यह आयोजन केवल भाजपा के प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन की चापलूसी करने के लिए किया जा रहा है।
बिहार दिवस अब केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम न होकर एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है, और आने वाले दिनों में इस पर और प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं।
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