भूपेश बघेल के घर CBI की दबिश के बाद सियासत जारी, बयानबाजी का चला सिलसिला, देखिये नेताओं की प्रतिक्रियाएं

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर सीबीआई की छापेमारी ने छत्तीसगढ़ की सियासत में हलचल मचा दी है। इस छापेमारी को लेकर कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है। कांग्रेस पार्टी ने इसे सत्ता का दुरुपयोग और राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है, जबकि भाजपा नेताओं ने इसे कानून का हिस्सा और जांच का जरूरी कदम करार दिया है।
दीपक बैज ने कहा- ‘न कांग्रेस झुकेगी, न रुकेगी’
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने सीबीआई की छापेमारी के बाद एक पोस्ट में कहा कि भाजपा के नाकाम प्रयासों और असफल छापों के बाद अब सीबीआई को भूपेश बघेल और देवेंद्र यादव के पीछे लगाया गया है। उन्होंने इसे सत्ता की हताशा और राजनीतिक षड्यंत्र बताया। बैज ने कहा, “न कांग्रेस झुकेगी, न रुकेगी। यह लड़ाई सिर्फ नेताओं की नहीं, बल्कि उन सच्चाईयों की है, जिन्हें सत्ता के दम पर दबाया जा रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा को याद रखना चाहिए कि सत्य कभी नहीं झुकता, और अन्याय का अंत निश्चित है।
डॉ. चरण दास महंत का बयान- ‘लोकतंत्र के लिए खतरनाक’
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने सीबीआई की कार्रवाई को लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक कदम बताया। उन्होंने ट्वीट किया कि भाजपा सरकार केंद्रीय एजेंसियों का लगातार विपक्ष के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है, जो लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास है। महंत ने यह भी कहा कि हर नाकाम कोशिश के बावजूद, सीबीआई भूपेश बघेल और देवेंद्र यादव के घर दबिश दे रही है, लेकिन यह सत्ता का अन्याय है और सत्य की जीत निश्चित है।
कांग्रेस नेता अमरजीत भगत ने दी भाजपा को हिदायत
भूपेश सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस नेता अमरजीत भगत ने इस मुद्दे पर एक प्रसिद्ध दोहा का हवाला देते हुए भाजपा को हिदायत दी। उन्होंने कहा, “ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोए, औरों को शीतल करे, आपहू शीतल होए।” भगत ने कहा कि भूपेश बघेल को जब-जब बड़ी जिम्मेदारी मिली, तब-तब केंद्रीय एजेंसियों ने उनका पीछा किया, लेकिन इससे कांग्रेस पार्टी डरने वाली नहीं है। उनका कहना था कि यह सिर्फ राजनीतिक बदले की कार्रवाई है।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का सहयोग का संदेश
इस पूरे घटनाक्रम के बीच स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सीबीआई जांच में सहयोग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग करना चाहिए और राजनीति से प्रेरित बयानबाजी से बचना चाहिए। उनका कहना था कि सीबीआई भ्रष्टाचार को लेकर जांच कर रही है, और यह कोई चुनावी समय नहीं है, तो सबको मिलकर जांच में सहयोग करना चाहिए।
सियासी माहौल में ताजगी की उम्मीद
सीबीआई की छापेमारी और इसके बाद हो रही सियासी बयानबाजी ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में ताजगी ला दी है। जहां कांग्रेस नेताओं ने इसे सत्ता के दुरुपयोग का हिस्सा बताया, वहीं भाजपा इसे कानून के तहत हो रही कार्रवाई मान रही है। यह विवाद अब चुनावी राजनीति के बजाय केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग और सत्ता के खेल पर अधिक केंद्रित हो चुका है।
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