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मुख्यमंत्री साय कैबिनेट में एक नए चेहरे को सम्मिलित करने की संभावना: पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सीएम साय लौटे; एक हफ्ते में होगा नए मंत्री का ऐलान

छत्तीसगढ़ में जिसके नाम की चर्चा चली, उसकी किस्मत ने धोखा दिया। यह स्थिति मुख्यमंत्री पद से लेकर कैबिनेट में शामिल करने, सांसद का टिकट देने, और केंद्र में मंत्री बनाने तक प्रचलित रही। मीडिया की सुर्खियों और पार्टी के लोगों की जुबान पर जिनका नाम सबसे ज्यादा था, भाजपा ने उससे किनारा करते हुए किसी नए को ही ला खड़ा किया।

अब सवाल उठता है कि क्या साय मंत्रिमंडल में नए मंत्री को शामिल करने का यह ट्रेंड फिर से दिखाई देगा? बृजमोहन अग्रवाल सांसद बनकर दिल्ली जा चुके हैं। साय कैबिनेट में उनकी जगह खाली है। इस खाली जगह को भरने में अनुभव की दमदारी के बजाय किसी नए चेहरे को मौका दिए जाने की चर्चा शुरू हो चुकी है, जो जातीय समीकरणों पर भी खरा उतरे।

फाइल लेकर पीएम से मिलने पहुंचे सीएम साय आधिकारिक तौर पर कहा गया है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री से मिलकर प्रदेश में चलाई जा रही योजनाओं पर बात की है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि मंत्रिमंडल के विस्तार पर भी चर्चा हुई है। पार्टी के बड़े नेताओं को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश के सियासी और सामाजिक हालातों से अवगत कराया है। खबर है कि मंत्रिमंडल में किस विधायक को मौका दिया जाना है, यह तय भी कर लिया गया है।

प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान सीएम के हाथ में एक फाइल दिखी। इसमें छत्तीसगढ़ विजन डॉक्यूमेंट और एंटी नक्सल ऑपरेशन की जानकारी थी, जिसे मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के साथ साझा किया। संसद भवन परिसर में दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक प्रदेश के राजनीतिक हालात पर बात हुई।

शाह ने भी पूछा- कैसा चल रहा है काम देश के गृह मंत्री अमित शाह से भी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुलाकात की। इस दौरान शाह ने सीएम साय से सरकार के काम काज और योजनाओं की जानकारी ली। अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट X पर तस्वीर साझा करते हुए सीएम ने लिखा- दिल्ली स्थित संसद भवन परिसर में देश के गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह जी से मुलाकात कर उन्हें छत्तीसगढ़ की परिस्थितियों से अवगत कराया।

मंत्रिमंडल में बदलाव कब, क्या बोले सीएम मुख्यमंत्री साय दिल्ली से लौट आए हैं। उन्होंने दिल्ली रवाना होने से पहले कैबिनेट में बदलाव के सवाल पर कहा था- थोड़ा इंतजार करिए, हो जाएगा। जानकारी के मुताबिक हफ्ते भर के भीतर मंत्री किसे बनाया जाएगा इसका ऐलान कर दिया जाएगा।

वे नए नाम जिन्हें मौका मिल सकता है विधानसभा चुनाव के बाद ट्रेंड यही रहा है कि नए लोगों को भाजपा भरपूर मौका दे रही है। यही ट्रेंड मंत्रिमंडल में बदलाव पर भी चला, तो पिछले दो-तीन दिनों में एक नाम की चर्चा तेज है, वह हैं गजेंद्र यादव। गजेंद्र ने विधानसभा चुनाव में दुर्ग में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे मोतीलाल वोरा के बेटे अरुण वोरा को 48 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।

गजेंद्र संघ के बड़े नेता बिसरा राम यादव के बेटे हैं। छत्तीसगढ़ में इस बार पांच विधायक यादव समाज से चुनकर आए हैं। यादव समाज को साधने और संघ को संतुष्ट करने के लिए गजेंद्र को प्रदेश सरकार में मंत्री पद दिए जाने की चर्चा है। यह भी कहा जा रहा है कि उन्हें भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है।

रायपुर से एक और मंत्री देने की मांग साय मंत्रिमंडल में सरगुजा और बिलासपुर संभाग से ज्यादा लोग हैं। मंत्रिमंडल में सरगुजा से मुख्यमंत्री समेत 4 लोग हैं। बिलासपुर संभाग से डिप्टी सीएम अरुण साव समेत 3 मंत्री शामिल हैं। बस्तर से एक और अब बृजमोहन के सांसद बनने के बाद रायपुर से एक ही मंत्री सरकार में हैं, वे हैं टंकराम वर्मा।

रायपुर से हमेशा दो मंत्री तो रहे ही हैं, इस वजह से यह मांग उठ रही है। साय कैबिनेट में दुर्ग संभाग से 2 मंत्री पहले से हैं। ऐसे में मूणत, चंद्राकर जैसे नाम ऊपर आते हैं, लेकिन वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल को लोकसभा का चुनाव लड़ाकर पार्टी ने सीनियर्स को जरा निराश कर दिया है।

सतनामी समाज भी आस में बलौदाबाजार कांड के बाद सतनामी समाज गुस्से में है। समाज के नेता अपनी शिकायतें लेकर कांग्रेस नेताओं के पास जाने लगे हैं। कांग्रेस इस मुद्दे को सियासी तौर पर भुना रही है। खबर है कि आरंग विधायक खुशवंत साहेब भी लगातार संगठन के बड़े नेताओं के संपर्क में हैं। ऐसे में भाजपा उन्हें मंत्रिमंडल में मौका देकर सतनामी समाज के साथ सियासी संतुलन बना सकती है।

जातीय समीकरण देखें तो मुख्यमंत्री समेत 3 एसटी, 1 एससी, 1 सामान्य, 6 ओबीसी मंत्री अभी कैबिनेट में हैं। अगर जातीय समीकरण से मंत्रियों का चयन किया जाता है तो एक सामान्य और एक एससी बढ़ाया जा सकता है। सामान्य वर्ग के बड़े नेता रायपुर में राजेश मूणत हैं, इस वजह से मूणत के मंत्रिमंडल में शामिल होने का यह एक बड़ा कारण भी हो सकता है।

इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चा वरिष्ठता के आधार पर राजेश मूणत, अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर के नामों की चर्चा है। इनके अलावा कुछ ऐसे विधायक भी हैं, जो इस कोशिश में हैं कि किसी तरह मंत्री बनने का मौका मिल जाए। इनमें कुछ ऐसे चेहरे हैं, जिन्हें मंत्री बनाकर भाजपा हर बार की तरह फिर चौंका सकती है। इनमें रायपुर उत्तर से विधायक पुरंदर मिश्रा, पंडरिया विधायक भावना बोहरा, कोंडागांव विधायक लता उसेंडी, केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम, बसना विधायक संपत अग्रवाल और सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो का नाम शामिल हैं।

पीएम मोदी को सीएम साय ने ये भी बताया प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री साय ने उन्हें अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन @2047 ‘विजन डॉक्यूमेंट’ के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसका निर्माण राज्य नीति आयोग की ओर से किया जा रहा है, जिसे एक नवंबर को राज्य की जनता को समर्पित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि नक्सल समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए जॉइंट एक्शन प्लान तैयार कर कार्रवाई की जा रही है। नियद नेल्लानार योजना (आपका अच्छा गांव) के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत वर्तमान में 23 कैंप खोले गए हैं, जिनमें 90 ग्राम शामिल हैं। भविष्य में 29 कैंप शुरू करने की योजना है। सीएम साय ने मोदी की गारंटी पूरी करने के बारे में प्रधानमंत्री को बताया कि मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में ही प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 18 लाख 12 हजार 743 परिवारों को आवास देने का फैसला लिया गया। वर्तमान में 1 लाख 6 हजार 777 आवास निर्माणाधीन हैं, जिनकी मंजूरी पहले ही की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि धान उत्पादन प्रोत्साहन योजना के तहत किसानों को साल 2014-15 और साल 2015-16 के लिए 3 हजार 667 करोड़ की राशि दी गयी है। वहीं, कृषक उन्नति योजना के तहत साल 2023 के लिए कुल 24 लाख 73 हजार किसानों को 13 हजार 287 करोड़ की राशि का भुगतान किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए महतारी वंदन योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत अब तक लगभग 70 लाख महिलाओं को चार माह की वित्तीय सहायता 2618 करोड़ रुपए की राशि दी जा चुकी है। प्रधानमंत्री को श्री रामलला दर्शन योजना के बारे में बताते हुए सीएम साय ने कहा कि इसके लिए IRCTC के साथ MoU किया गया है। इस योजना के तहत हर साल 20 हजार यात्रियों को यात्रा कराने का लक्ष्य है।

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