राजनीति

रायपुर दक्षिण उपचुनाव : भाजपा ने फाइनल किए 3 नाम, जानें क्या है रणनीति

रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट के उपचुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच बड़ा राजनीतिक मुकाबला होने जा रहा है। इस सीट पर 8 बार विधायक रहे बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद इसे खाली घोषित किया गया था। आइए जानते हैं भाजपा की रणनीति और इस उपचुनाव से जुड़ी अहम जानकारियाँ।

चुनाव की मुख्य तिथियाँ

केंद्रीय चुनाव आयोग ने रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट के उपचुनाव की तारीखें जारी कर दी हैं।

  • चुनाव अधिसूचना जारी: 18 अक्टूबर
  • नामांकन की अंतिम तिथि: 25 अक्टूबर
  • नाम वापसी की अंतिम तिथि: 30 अक्टूबर
  • मतदान की तिथि: 13 नवंबर
  • परिणाम: 23 नवंबर

भाजपा की रणनीति

तीन उम्मीदवार फाइनल

भाजपा ने अपने तीन प्रमुख उम्मीदवारों को अंतिम रूप दे दिया है। ये नाम पार्टी के इंटरनल सर्वे के आधार पर चुने गए हैं, जिन्हें अब केंद्रीय चुनाव समिति के पास भेजा जाएगा।

उम्मीदवारों का चयन कैसे हुआ?

रायपुर में रविवार देर रात भाजपा की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय समेत कई सीनियर नेताओं ने भाग लिया। बैठक में जातिगत समीकरण, जीत-हार की संभावनाओं, और चुनावी गणनाओं पर गहन विचार-विमर्श हुआ।

संभावित भाजपा उम्मीदवार

  • सुनील सोनी
  • संजय श्रीवास्तव
  • केदार गुप्ता
  • मीनल चौबे
  • नंदन जैन
  • सुभाष तिवारी

इन छह में से तीन नामों को फाइनल कर लिया गया है, और अंतिम निर्णय अब दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा किया जाएगा।

कांग्रेस की तैयारी

कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार

कांग्रेस में भी प्रत्याशी को लेकर चर्चाएं तेज हैं। प्रमोद दुबे और कन्हैया अग्रवाल के नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। कांग्रेस इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है।

  • प्रमोद दुबे: शहर में अच्छी पकड़ रखने वाले अनुभवी नेता।
  • कन्हैया अग्रवाल: पार्टी के युवा चेहरा जो नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

कांग्रेस की चुनावी रणनीति

कांग्रेस इस बार युवाओं और महिलाओं को साधने की रणनीति बना रही है। उनका जोर विकास और स्थानीय मुद्दों पर रहेगा।

रायपुर दक्षिण का राजनीतिक इतिहास

भाजपा के लिए क्यों अहम है यह सीट?

रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट भाजपा का मजबूत गढ़ मानी जाती है। बृजमोहन अग्रवाल यहां से 8 बार विधायक रह चुके हैं और उनकी गहरी पकड़ है। 2024 में उनके सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई, जिसे अब भाजपा हर हाल में जीतना चाहेगी।

भाजपा की आंतरिक सर्वे रिपोर्ट

भाजपा ने एक आंतरिक सर्वे करवाया, जिसमें पार्टी ने जातिगत समीकरण, उम्मीदवार की छवि और जीत की संभावनाओं पर फोकस किया। इस सर्वे के आधार पर 6 प्रमुख नाम सामने आए, जिनमें से 3 को फाइनल किया गया है।

भाजपा की चुनाव प्रचार रणनीति

डिजिटल और ग्राउंड-लेवल प्रचार

भाजपा का प्रचार इस बार दोनों मोर्चों पर केंद्रित होगा। पार्टी सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से एक्टिव रहेगी, साथ ही ग्राउंड लेवल पर बूथ समितियों के माध्यम से घर-घर संपर्क करेगी।

जातिगत समीकरण का ध्यान

भाजपा ने अपने उम्मीदवारों का चयन जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर किया है, ताकि सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके और चुनावी गणित मजबूत हो।

कांग्रेस की प्रचार रणनीति

कांग्रेस का प्रचार अभियान भी काफी जोरदार होने वाला है। पार्टी विकास के मुद्दे पर जोर देगी और अपने उम्मीदवार के जरिए जनता को अपनी ओर खींचने की कोशिश करेगी।

निष्कर्ष

रायपुर दक्षिण उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। भाजपा ने अपने तीन प्रमुख उम्मीदवारों को फाइनल कर लिया है, जबकि कांग्रेस भी जल्द ही अपने प्रत्याशी की घोषणा कर सकती है। इस सीट पर चुनावी जंग दिलचस्प होने वाली है, जहां दोनों पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंकने के लिए तैयार हैं।

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