राज्योत्सव के दूसरे दिन रायपुर का माहौल छत्तीसगढ़ी लोकगीतों और बॉलीवुड के सुमधुर गीतों से सराबोर हो गया। लोक कलाकारों की प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया, वहीं मुंबई से आईं सुश्री नीति मोहन ने अपने गीतों से समां बांध दिया।
बटकी म बासी, चुटकी म नून : ददरिया गीत की प्रस्तुति
छत्तीसगढ़ी लोक कलाकार सुश्री आरू साहू और श्री राजेश अवस्थी ने अपने ददरिया गीतों की बेहतरीन प्रस्तुति दी। उनके गीत ‘बटकी म बासी, चुटकी म नून’ ने दर्शकों के दिलों को छू लिया। लोकगीतों का जादू पूरे राज्योत्सव में बिखरा और तालियों की गूंज दूर-दूर तक सुनाई दी।
गौरा-गौरी गीत से शाम का शुभारंभ
शाम का आरंभ गौरा-गौरी गीत से हुआ, जिससे पूरे राज्योत्सव स्थल पर छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक छटा फैल गई। इसके बाद राउत नाचा की जोशीली प्रस्तुति ने सभी को उत्साहित कर दिया। छत्तीसगढ़ी फाग गीतों की प्रस्तुति में मुख मुरली बजाय ने मानो पूरे राज्योत्सव स्थल को ‘श्याम रंग’ में रंग दिया।
पंथी नृत्य का जादू
पंथी नृत्य की द्रूतगामी प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। नृत्य की तेज लय और ऊर्जा से हर कोई प्रभावित हुआ। लोक कलाकारों की इस प्रस्तुति ने राज्योत्सव में छत्तीसगढ़ की गहरी सांस्कृतिक जड़ों का अहसास कराया।
नीति मोहन की विशेष प्रस्तुति
बॉलीवुड की प्रसिद्ध गायिका सुश्री नीति मोहन ने भी अपने गीतों से राज्योत्सव को विशेष बना दिया। उन्होंने ‘चली रे जुनून का लिये कतरा’ और ‘जिया रे जिया रे’ जैसे लोकप्रिय गीत प्रस्तुत कर सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। उनका ‘जय जोहार’ से स्वागत दर्शकों के बीच खासा लोकप्रिय रहा।
लोकगीतों और बॉलीवुड संगीत का अनोखा संगम
राज्योत्सव के दूसरे दिन छत्तीसगढ़ के लोकगीतों और बॉलीवुड संगीत का अनोखा संगम देखने को मिला। इस संगम ने राज्य स्थापना दिवस की खुशियों में चार चांद लगा दिए और दर्शकों को संगीतमय अनुभव कराया। लोकगीतों से लेकर बॉलीवुड के गानों तक का यह सफर हर किसी के लिए यादगार बना।
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