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रामकथा लोगो को जीवन जीने की कला सिखाती है; सांकरा में आयोजित हो रही है नौ दिवसीय मानस सम्मेलन

नगरी। ग्राम पंचायत सांकरा में नौ दिवसीय महा मानस सम्मेलन 7 मार्च से आयोजित हो रही है।  मानस सम्मेलन के पंचम दिवस महाशिवरात्रि पर महिला मानस परिवार ग्राम सांकरा की प्रस्तुति हुई। जहां व्यासपीठ से व्याख्याकार सुश्री मनीषा साहू ने जनमानस को संबोधित करते हुए कहा कि रामकथा लोगों को जीवन जीने की कला सिखाती है। दुर्लभ मानव शरीर के पाने के बाद जीवन जीने के लिए लोगों को श्रीराम कथा से जुडऩे की आवश्यकता है। 

मंचस्थ मंडली महिला मानस परिवार ग्राम सांकरा

उन्होंने आगे कहा कि गीता योग का ग्रंथ है और श्रीमद्भागवत वियोग का ग्रंथ है, लेकिन श्रीरामचरितमानस जीवन में प्रयोग का ग्रंथ है। श्रीराम कथा सुनकर हम स्वर्ग जाएंगे गारंटी नहीं है, लेकिन श्रीराम कथा को अपने जीवन को स्वर्ग जरूर बना सकते हैं। श्रीराम कथा से इस बात की गारंटी नहीं हो सकती है कि आपकी मृत्यु के बाद आपको स्वर्ग ले जाने के लिए कोई विमान आएगा, लेकिन श्री रामकथा को अपने जीवन में उतारने से स्वर्ग जाने के लिए किसी विमान की जरूरत नहीं होगी।  प्रभु श्रीराम की दिव्य लीलाएं  आज वर्षोपरांत भी हमारे लिए प्रेरणा स्त्रोत है। श्रीरामजी के जीवन की लीलाएं हमारे लिए खास महत्व इसलिए भी रखती हैं, क्योंकि उनसे हमारी संस्कृति और लोक व्यवहार जुड़ा हुआ है।

बता दे कि इस दिन कंचन देवी प्रिंस कुमार गोलछा के द्वारा भंडारा आयोजित किया गया, मानस ग्राम सांकरा में पिछले 25 वर्षों से अनवरत नौ दिवसीय रामकथा का आयोजन निरंतर जारी है। उक्त परंपरा की शुरुआत स्व.मंसाराम साहू के द्वारा किया गया ।

इस अवसर पर पंडित उदय भानु दीवान, पंडित रेवा प्रसाद तिवारी सरपंच सती मरकाम, पूर्व सरपंच ,हरीश साहू, ग्राम समिति अध्यक्ष धनेश राम साहू, शाहपुरा सोसायटी अध्यक्ष गिरधारी लाल भंडारी, वरिष्ठ संरक्षक हेमलाल साहू, लूणकरण साहू, बालाराम साहू, पूरन साहू, मलक राम साहू सहित ग्रामवासी उपस्थित थे।

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