जानिए CG में महिला समूह को कैसे मिलेगा रेडी टू ईट का काम, कौन होंगे पात्र
रायपुर- रेडी टू ईट: छत्तीसगढ़ में महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अब रेडी टू ईट (RTF) निर्माण का काम फिर से महिला स्वयं सहायता समूहों को सौंपा जाएगा। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। पहले यह काम महिला समूहों द्वारा ही किया जा रहा था, लेकिन पिछली सरकार के कार्यकाल में इसे बड़े स्तर पर दे दिया गया था। अब राज्य सरकार ने इसे फिर से छोटे स्तर पर महिला समूहों को देने का फैसला लिया है।
महिला कोष से मिलेगी आर्थिक सहायता, शुरू होगी नई योजना
इस काम के लिए छत्तीसगढ़ महिला कोष की ओर से एक ऋण योजना शुरू की गई है, जो महिला समूहों को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। इसके तहत, महिला समूहों को रेडी टू ईट उत्पादों का निर्माण करने के लिए आवश्यक संसाधन और पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी। इस कदम से महिला समूहों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ उन्हें नए रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए कार्यक्षेत्र
महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए यह योजना कई कार्य क्षेत्रों में विस्तार कर रही है। इनमें प्रमुख हैं:
– स्कूलों में मध्याह्न भोजन का प्रबंधन
– आंगनबाड़ी पोषण आहार कार्यक्रम
– आंगनबाड़ी केंद्र के हितग्राहियों के लिए रेडी टू ईट खाद्य सामग्री का वितरण
– उचित मूल्य की दुकान चलाना
स्वयं सहायता समूह बनाने की प्रक्रिया
महिला स्वयं सहायता समूहों को बनाने की प्रक्रिया काफी सरल है। इसके लिए गांव की 10 से 20 महिलाओं का एक समूह बनाना होता है। फिर इस समूह का रजिस्ट्रेशन नज़दीकी जन सेवा केंद्र से कराया जाता है, और समूह में अध्यक्ष, सचिव, और कोषाध्यक्ष का चुनाव किया जाता है।
स्वयं सहायता समूहों से जुड़े फायदे
इस योजना से महिला स्वयं सहायता समूहों को कई फायदे मिलते हैं, जैसे:
– महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण
– महिलाओं को छोटी-छोटी बचत करने में मदद
– न्यूनतम दर पर वित्तीय लेन-देन की सुविधा
छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार का यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त किया जाएगा, बल्कि समाज में उनकी स्थिति भी मजबूत होगी।
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