छत्तीसगढ़ में बर्खास्त बीएड शिक्षकों की बहाली को लेकर मुख्यमंत्री ने दी बड़ी जानकारी

CG B.Ed Teachers Reinstatement: छत्तीसगढ़ में बर्खास्त बीएड डिग्रीधारी (B.Ed Degree Holder) सहायक शिक्षकों (Assistant Teachers) से जुड़ी एक महत्वपूर्ण अपडेट आई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और इसके समाधान के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। (CM Vishnu Deo Sai) उन्होंने यह भी बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद यह स्थिति उत्पन्न हुई थी, और सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की है।
बीएड शिक्षकों की बहाली के लिए सरकार का संवेदनशील रुख
Chhattisgarh B.ED Teacher News: विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के विधायकों ने बर्खास्त बीएड शिक्षकों की बहाली की मांग उठाई थी। भाजपा के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर और धर्मजीत सिंह, साथ ही कांग्रेस विधायक ब्यास कश्यप ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया और कहा कि इन शिक्षकों के पास न्याय की उम्मीदें हैं, लेकिन अब तक उनकी समस्याओं का कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जवाब देते हुए बताया कि 2023 में सहायक शिक्षकों के 6285 पदों के लिए भर्ती विज्ञापन जारी किया गया था, जिसमें बीएड डिग्रीधारी प्रशिक्षित उम्मीदवारों को अनिवार्य योग्यता के रूप में रखा गया था। इसके बाद 2621 बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों की नियुक्ति की गई, लेकिन उच्च न्यायालय के एक आदेश के कारण अप्रैल 2024 में इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि सरकार ने भर्ती नियमों में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई पुनर्विचार याचिका
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सरकार इस मामले में संवेदनशील है और समाधान के लिए एक पांच सदस्यीय अंतर्विभागीय समिति का गठन किया गया है। इसके साथ ही सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका भी दायर की है, जो वर्तमान में लंबित है। उन्होंने अभ्यर्थियों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनकी समस्याओं के प्रति जागरूक है और उनका हित सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा।
धरने पर बैठे बर्खास्त बीएड शिक्षक: जल्द निर्णय की मांग
B.Ed Teachers Samayojan: इस बीच, छत्तीसगढ़ में बर्खास्त बीएड शिक्षकों ने एक बार फिर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का निर्णय लिया है। ये शिक्षक नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर बोरिया-बिस्तर लेकर जमा हो गए हैं और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने जिन कमेटियों का गठन किया है, उनसे अब तक कोई निर्णायक फैसला नहीं लिया गया है, जिसके कारण उनका धैर्य टूट चुका है।
शिक्षकों की मांगें और संघर्ष
धरने पर बैठे शिक्षकों की प्रमुख मांगें हैं:
- उनका समायोजन किया जाए ताकि वे नौकरी से बाहर न हों।
- बिना समाधान के नौकरी से निकाले जाने के आदेश पर रोक लगाई जाए।
- जो कमेटी बनाई गई है, उसका फैसला जल्दी लिया जाए।
- उन्हें न्याय और सम्मान मिलें।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 2018 में नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (NCTE) की गाइडलाइन से शुरू हुआ, जिसमें बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने के योग्य माना गया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया, और इसका असर छत्तीसगढ़ के 2897 शिक्षकों पर पड़ा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इन शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया गया।
अब, इन बर्खास्त शिक्षकों के लिए यह एक बड़ा मुद्दा बन चुका है और वे इसे लेकर सरकार से न्याय की उम्मीद लगाए हुए हैं।
Also Read: CGMSC रिएजेंट खरीदी में गड़बड़ी: स्वास्थ्य मंत्री और विधायक अजय चंद्राकर के बीच गर्मा-गर्म बहस