किसान हित में अहम फैसला: किसानों को धान खरीदी के अंतर की राशि देने 3300 करोड़ रुपए मंजूर

रायपुर: CG Cabinet Decisions: छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में एक अहम निर्णय लिया गया। सरकार अब किसानों के लिए बीज की आवश्यकता होने पर नाफेड, मध्य प्रदेश सहित अन्य पंजीकृत एजेंसियों से भी बीज की खरीदी करेगी।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए धान की शेष राशि का भुगतान करने के लिए 3300 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया। इस राशि से किसानों को धान खरीदी के अंतर की राशि का भुगतान किया जाएगा, जिसे पहले ही मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में घोषित किया था।
3300 करोड़ रुपये की मंजूरी और बीज खरीदी में बदलाव
डिप्टी मुख्यमंत्री अरुण साव ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार किसानों को उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराने के लिए एक बड़ा कदम उठा रही है। इसके तहत राज्य बीज निगम पहले पंजीकृत बीज उत्पादक किसानों से बीज खरीदेगा।
यदि बीज की अतिरिक्त आवश्यकता होती है, तो राज्य की बीज उत्पादक सहकारी समितियों, नाफेड, मप्र बीज महासंघ जैसी एजेंसियों से भी बीज खरीदी जाएगी। इसके अलावा, भारत सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत चयनित केंद्रीय नोडल सीड एजेंसियों से भी बीज खरीदी जाएगी।
तृतीय अनुपूरक बजट और राज्यपाल के अभिभाषण की मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान तृतीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत करने की मंजूरी भी दी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के तृतीय अनुपूरक बजट का अनुमोदन किया गया, जो विधानसभा में उपस्थापन के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2025 के प्रारूप के तहत पेश किया जाएगा।
इसके साथ ही, मंत्रिपरिषद ने राज्यपाल के अभिभाषण को भी मंजूरी दी है। विधानसभा का बजट सत्र 24 फरवरी से शुरू होगा, जिसमें राज्यपाल रमेन डेका का अभिभाषण होगा।
आईएफएस अधिकारियों की पदोन्नति और स्टाम्प शुल्क संशोधन
इसके अलावा, कैबिनेट ने 30 साल की सेवा पूरी करने वाले आईएफएस अधिकारियों को पदोन्नति देने का निर्णय लिया है। आईएफएस के 1992 से 1994 बैच के अधिकारियों को पीसीसीएफ का वेतनमान मिलेगा।
इसके साथ ही, विधानसभा के बजट सत्र के दौरान स्टाम्प शुल्क से जुड़ा संशोधित विधेयक भी पेश किया जाएगा। इस विधेयक के तहत बैंक गारंटी से संबंधित विलेखों पर स्टाम्प शुल्क की दरों के निर्धारण के लिए भारतीय स्टाम्प अधिनियम-1899 (छत्तीसगढ़ संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप को मंजूरी दी गई है।