प्राइवेट डॉक्टरों पर सख्त आदेश: अपनी मेडिकल से दवा खरीदने का दबाव नहीं डाल सकते

रायपुर। छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने प्राइवेट डॉक्टरों के लिए एक अहम आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि डॉक्टर अब अपनी ही फॉर्मेसी से दवा खरीदने का दबाव मरीजों पर नहीं डाल सकते। यह आदेश उस शिकायत के बाद आया है जिसमें बताया गया कि रायपुर के कुछ अस्पतालों में मरीजों को उनकी फॉर्मेसी से दवाएं लेने के लिए मजबूर किया जा रहा था।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, वासुदेव जोतवानी नामक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि कई अस्पतालों में डॉक्टर अपने मरीजों को दवा के प्रिस्क्रिप्शन के बजाय उन्हें अपनी फॉर्मेसी से ही दवाएं लेने के लिए मजबूर कर रहे थे। इससे न केवल मरीजों के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा था, बल्कि वे डिस्काउंट भी प्राप्त नहीं कर पा रहे थे, जो कि उनके अधिकार में आता था।
देखिये आदेश-

मरीजों को दी जाएगी दवाओं के प्रिस्क्रिप्शन की सुविधा
स्वास्थ्य विभाग ने इस शिकायत के बाद सभी अस्पतालों, नर्सिंग होम, क्लीनिक और मेटरनीटी होम्स के संचालकों को आदेश जारी किया है कि वे मरीजों को दवाओं का प्रिस्क्रिप्शन अनिवार्य रूप से प्रदान करें। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि मरीजों पर अपनी फॉर्मेसी से दवाएं खरीदने का दबाव न डाला जाए।
कड़ी कार्रवाई का निर्देश
अगर इस तरह की शिकायतें भविष्य में मिलती हैं तो स्वास्थ्य विभाग ने कड़ी कार्रवाई का भी आश्वासन दिया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि ऐसी संस्थाओं के खिलाफ छत्तीसगढ़ राज्य उपचर्यागृह एवं रोगोपचार अधिनियम 2010 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। यह कार्यवाही संस्थान के खिलाफ विधिक प्रावधानों के तहत की जाएगी, और इसकी पूरी जवाबदेही संबंधित संस्था की होगी।
स्वास्थ्य विभाग का यह कदम मरीजों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे अस्पतालों में मरीजों के साथ होने वाली असमानता और दबाव को कम करने में मदद मिलेगी।