छत्तीसगढ़

OBC आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश: छत्तीसगढ़ में हो चुका है फैसला, मध्य प्रदेश सरकार चाहे तो लागू कर सकती है

जबलपुर, 21 मार्च 2025। सुप्रीम कोर्ट ने आज मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण से जुड़ी 52 ट्रांसफर याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने इस दौरान स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर पहले ही छत्तीसगढ़ में निर्णय लिया जा चुका है। अब यदि मध्य प्रदेश सरकार चाहती है, तो वह इस आदेश को लागू कर सकती है। हालांकि, इस मामले ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या मध्य प्रदेश सरकार ओबीसी आरक्षण को लागू करने के लिए गंभीर है, या फिर इसे कानूनी दायरों में उलझाकर टालने की कोशिश कर रही है।

OBC आरक्षण का मामला अब सरकार की नीति पर भी सवाल उठा रहा है

यह मामला अब सिर्फ आरक्षण तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि सरकार की नीति और नीयत पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। याचिकाकर्ता के वकील विनायक प्रसाद शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में OBC का 27% आरक्षण पहले ही लागू है, और वहाँ SC, ST, OBC और EWS मिलाकर 81% आरक्षण दिया गया है। इसी पैटर्न पर मध्य प्रदेश में भी OBC आरक्षण लागू किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद इस मामले को फिर से देखा जाएगा।

मध्य प्रदेश सरकार की चुप्पी और ओबीसी वर्ग का भविष्य

मध्य प्रदेश सरकार ने इस मामले में अदालत से प्राथमिकता पर सुनवाई की मांग नहीं की, जिससे यह संकेत मिलते हैं कि सरकार जानबूझकर इस मामले में देरी कर रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सरकार OBC आरक्षण को लागू करने से बचने की कोशिश कर रही है। इससे OBC वर्ग के लाखों अभ्यर्थियों का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है, और वे न्याय की उम्मीद में भटक रहे हैं।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मध्य प्रदेश सरकार इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है और OBC आरक्षण को लागू करने के संबंध में क्या निर्णय लिया जाता है।

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