छत्तीसगढ़

केंद्रीय गृहमंत्री का बड़ा ऐलान: नक्सलमुक्त गांवों को मिलेगा 1 करोड़ रुपए की विकास निधि, बस्तर अब बंदूक की नहीं, विकास की आवाज से पहचाना जाएगा

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में शनिवार, 5 अप्रैल को बस्तर पंडुम 2025 का भव्य समापन हुआ। इस समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने न केवल आदिवासी संस्कृति और परंपराओं को प्रमोट करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने की बात कही, बल्कि बस्तर को एक नया पहचान देने की भी घोषणा की। गृह मंत्री ने यह भी ऐलान किया कि अगले साल से बस्तर पंडुम को एक राष्ट्रीय महोत्सव के रूप में मनाया जाएगा।

आदिवासी अस्मिता को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय मंच

अपने संबोधन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “बस्तर अब बंदूक नहीं, विकास की आवाज से जाना जाएगा। हम आदिवासी अस्मिता और संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने का संकल्प लेते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि देशभर के आदिवासी जिलों के कलाकारों को इस महोत्सव में आमंत्रित किया जाएगा ताकि बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल सके।

बस्तर पंडुम 2025: एक शानदार आयोजन

इस आयोजन में कुल 47000 कलाकारों ने हिस्सा लिया। यह उत्सव 12 मार्च से 5 अप्रैल तक चला और इस वर्ष सात श्रेणियों में आयोजित किया गया। अगले साल इसे 12 श्रेणियों में आयोजित किया जाएगा। गृह मंत्री ने इस महोत्सव को आदिवासी समाज की संस्कृति, लोक कला और परंपराओं को प्रदर्शित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए पुनर्वास योजना

केंद्रीय गृह मंत्री ने बस्तर क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं का ऐलान भी किया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि जो नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे, उन्हें पूरी सुरक्षा और सम्मान के साथ मुख्यधारा में लाया जाएगा। वहीं, जो हथियार नहीं डालेंगे, उनके खिलाफ सुरक्षाबल कड़ी कार्रवाई करेंगे।

नक्सल मुक्त गांवों के लिए विकास निधि

अमित शाह ने यह भी ऐलान किया कि नक्सलियों के आत्मसमर्पण में सहयोग करने वाले गांवों को “नक्सल मुक्त गांव” घोषित किया जाएगा और उन्हें 1 करोड़ रुपये की विकास निधि प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने अपील की कि ग्राम सभा कर गांवों को आत्मसमर्पण की प्रक्रिया में शामिल करें।

आदिवासी समाज के लिए नए अवसर

गृह मंत्री ने आदिवासी समाज के लिए कई योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने बताया कि अब तेंदूपत्ता की खरीद सीधे 5500 रुपये प्रति मानक बोरा की दर से की जाएगी और यह राशि सीधे आदिवासियों के खातों में जाएगी, जिससे बिचौलियों का नियंत्रण समाप्त होगा।

आधारभूत सुविधाओं का विस्तार

केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि अब हर गांव में शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए छोटे अस्पताल और स्कूल खोले जाएंगे। साथ ही आधार कार्ड, राशन कार्ड और स्वास्थ्य बीमा की व्यवस्था की जाएगी।

आदिवासी नायकों को मिलेगा राष्ट्रीय सम्मान

केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने आदिवासी समाज को ऐतिहासिक सम्मान देने के लिए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाए जाने का उदाहरण दिया।

बस्तर का नया सपना: शिक्षा और प्रशासनिक अधिकारी

अंत में केंद्रीय गृह मंत्री ने बस्तर के युवा पीढ़ी को आगे बढ़ने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि असली विकास तब होगा जब बस्तर से डॉक्टर, कलेक्टर, बैरिस्टर और प्रशासनिक अधिकारी निकलेंगे। उन्होंने यह भी आह्वान किया कि बस्तर को अब हथियार नहीं, बल्कि कलम और कंप्यूटर की शक्ति से आगे ले जाना है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस ऐतिहासिक बयान और योजनाओं से यह स्पष्ट होता है कि सरकार बस्तर क्षेत्र के समग्र विकास और आदिवासी समाज की संस्कृति को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
Also Read:प्रधानमंत्री मोदी ने थाईलैंड की प्रधानमंत्री को भेंट दी छत्तीसगढ़ की डोकरा पीतल की ‘मोर नाव’

दक्षिण कोसल का Whatsapp Group ज्वाइन करे

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button