छत्तीसगढ़

CG: वक्फ बोर्ड की जमीन में बड़ा घोटाला, 500 करोड़ की संपत्ति बेची गई, अब होगी कार्रवाई

रायपुर, 15 मार्च 2025: छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों में बड़ा घोटाला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, करीब 500 करोड़ रुपये की वक्फ संपत्तियां अवैध रूप से बेची गई हैं या फिर हड़प ली गई हैं। छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड द्वारा कराई गई जांच में यह खुलासा हुआ है कि रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर और जगदलपुर सहित कई जिलों में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की अवैध बिक्री हुई है।

जांच में हुए चौंकाने वाले खुलासे

वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड की जांच के दौरान यह बात सामने आई कि कुछ संपत्तियां हाल ही में तो कुछ 30-40 साल पहले बेची गई थीं। इस घोटाले में माफिया और कारोबारियों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सलीम राज ने कहा कि वक्फ का मतलब ‘अल्लाह के नाम पर दान देना’ होता है, जिसे समाज कल्याण के लिए संरक्षित रखा जाता है। इन संपत्तियों को बेचना न केवल अवैध है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी यह गुनाह माना जाता है। इसके बावजूद, वक्फ बोर्ड की जानकारी के बिना इन संपत्तियों का सौदा कर दिया गया।

आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी

सलीम राज के अनुसार, अब इस मामले की कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। दोषियों की पहचान की जाएगी और उन पर कार्रवाई की जाएगी। अवैध रूप से बेची गई संपत्तियों की रजिस्ट्री को रद्द करने की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी। वक्फ बोर्ड ने सभी जिलों के रजिस्ट्रार और कलेक्टरों को पत्र भेजकर त्वरित कार्रवाई की मांग की है। इस मामले की जांच के दौरान कई और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं, और राज्य सरकार तथा वक्फ बोर्ड इस घोटाले की पूरी जांच में कड़ी कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।

घोटाले का तरीका: जाली दस्तावेज और गलत नक्शे

सलीम राज ने बताया कि जिन वर्षों में डिजिटल नक्शे उपलब्ध नहीं थे, उन वर्षों में जाली दस्तावेज तैयार कर इन संपत्तियों की बिक्री की गई। कुछ मामलों में तो डिजिटल नक्शों को गलत तरीके से दर्शाकर जमीनों का सौदा किया गया। इसके बावजूद, भारत सरकार द्वारा गठित ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) ने सभी राज्यों के कलेक्टरों को इस मामले में सतर्क रहने के लिए पत्र जारी किया था। इसके बावजूद, छत्तीसगढ़ में लगभग 500 करोड़ रुपये की वक्फ संपत्ति अवैध रूप से बिक चुकी है।

वक्फ बोर्ड की कार्रवाई

वर्तमान में, छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने इन संपत्तियों की बिक्री को शून्य घोषित करने की दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। हालांकि, सलीम राज ने यह भी कहा कि इस घोटाले की जड़ें 15 से 17 साल पुरानी हैं। इस अवधि में वक्फ बोर्ड ने इस मामले में क्या कार्रवाई की, इस पर वे टिप्पणी नहीं करना चाहते, लेकिन अब कानूनी प्रक्रिया के तहत उचित कदम उठाए जा रहे हैं।

राज्य सरकार और वक्फ बोर्ड इस घोटाले को गंभीरता से ले रहे हैं और भविष्य में इस तरह के अनियमितताओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की तैयारी में हैं।

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