
रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के नेताओं पर जासूसी के आरोपों का सिलसिला जारी है। पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं। बघेल ने कहा कि राज्य सरकार कांग्रेस नेताओं की जासूसी करा रही है और उनके फोन की सर्विलांस पर निगरानी रखी जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह दावा किया कि उनका फोन भी सर्विलांस पर है और उनके आस-पास खुफिया तंत्र के कर्मचारी हमेशा तैनात रहते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि LIB (लोकल इंटेलिजेंस ब्यूरो) के अधिकारी उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस को सुनते हैं और उनकी बातें रिकॉर्ड करते हैं। भूपेश बघेल का कहना था, “यह सब कुछ सत्ता का एक हिस्सा बन चुका है और कांग्रेस के नेताओं की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया जा रहा है।”
दीपक बैज ने भी लगाए थे जासूसी के आरोप
पिछले दिनों, पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने भी अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि उनके रायपुर स्थित शासकीय आवास की लगातार रेकी की जा रही थी। दीपक बैज ने आरोप लगाया था कि दो रातों से दंतेवाड़ा पुलिस की एक गाड़ी उनकी निगरानी कर रही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि स्थानीय गंज थाना पुलिस के टीआई तक को इस बात की जानकारी नहीं थी, और बिना दस्तावेज के पुलिस प्रशासन उनके पीछे लगा हुआ था।
दीपक बैज ने यह आरोप भी लगाया कि पुलिस प्रशासन सरकार के लिए काम कर रहा था और यह सबूत के रूप में उनके पास हैं। बैज ने दावा किया कि सरकार चुनाव में धांधली करने की तैयारी कर रही है और कांग्रेस नेताओं की निगरानी रखी जा रही है। उनके अनुसार, अगर पीसीसी अध्यक्ष के साथ ऐसा हो रहा है, तो आम जनता का क्या हाल होगा? उन्होंने मामले की जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
इन आरोपों के बाद राज्य में सियासी माहौल और भी गर्म हो गया है, और सवाल उठने लगे हैं कि क्या वाकई राज्य सरकार अपने विरोधियों पर इस तरह की निगरानी रख रही है।
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