सड़क निर्माण में देरी पर गरमाया विधानसभा, विपक्ष ने सरकार को घेरा

छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में सड़क निर्माण और मरम्मत को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेर लिया। अभनपुर से पांडुका तक सड़क निर्माण में देरी को लेकर राजिम विधायक रोहित साहू ने कड़ा सवाल उठाया। इस पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने जवाब देते हुए कहा कि 2023 में सड़क का काम पूरा होना था, लेकिन मुआवजा भुगतान और यूटिलिटी शिफ्टिंग की वजह से देरी हुई।
ठेकेदार पर गिरी गाज, गुणवत्ता जांच के आदेश
डिप्टी सीएम अरुण साव ने सदन को बताया कि ठेकेदार की राशि रोकी गई है और अगर किसी तरह की लापरवाही पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, विधायक अजय चंद्राकर ने सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए और इसकी जांच की मांग की।
PWD में मरम्मत और विद्युतीकरण का मुद्दा उठा
प्रश्नकाल के दौरान PWD बिलासपुर में वार्षिक मरम्मत का मामला भी उठा। कांग्रेस विधायक राघवेंद्र सिंह ने सड़क मरम्मत और विद्युतीकरण से जुड़ी जानकारियां मांगी। इस पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने बताया कि 9,156 स्थानों पर मरम्मत का कार्य किया गया है और अब तक 67 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
नेता प्रतिपक्ष ने एसी खरीदी में गड़बड़ी पर उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सरकारी फंड के खर्चे पर सवाल उठाते हुए पूछा कि 100 करोड़ रुपये का भुगतान कहां और किस आधार पर किया गया? उन्होंने बिना कार्य और बिना स्थान तय किए गए भुगतान को अनियमितता करार दिया।
इसके अलावा, 40-50 हजार रुपये के एसी की कीमत 3-4 लाख रुपये बताकर खरीदी जाने का मामला भी उठाया गया। इस पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने सफाई देते हुए कहा कि सरकारी जांच टीमें समय-समय पर निरीक्षण करती हैं और यदि कहीं भी गड़बड़ी पाई गई, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विपक्ष-सरकार आमने-सामने
इस पूरे मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने नजर आए। सड़क निर्माण में देरी, ठेकेदारों की जवाबदेही, मरम्मत कार्यों की गुणवत्ता और सरकारी खर्चों की पारदर्शिता को लेकर विधानसभा में जमकर बहस हुई। अब देखना यह होगा कि सरकार इन सवालों के जवाब में क्या ठोस कदम उठाती है।