छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में नक्सल ऑपरेशन: बस्तर में आतंक का खात्मा

छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों की निर्णायक लड़ाई जारी है। इस साल अब तक 10 बड़े माओवादी मारे गए हैं, जिन्होंने बस्तर के जंगलों में दशकों से आतंक मचाया हुआ था।

ऑपरेशन की खासियतें:

  • गोपनीय रणनीति: सुरक्षाबलों ने खुफिया जानकारी और माओवादी ठिकानों की सटीक पहचान के साथ ऑपरेशन को अंजाम दिया।
  • माओवादियों का सफाया: अब तक 194 नक्सली मारे जा चुके हैं, जिनमें से 10 बड़े कमांडर थे, जिन पर लाखों का इनाम था।
  • प्रमुख माओवादी: जोगन्ना, रंधेर, रूपेश और शंकर राव जैसे माओवादियों की मौत नक्सल आंदोलन के लिए बड़ा झटका है।

मारे गए 10 प्रमुख माओवादी:

  1. जोगन्ना (DKSZC, पेदापल्ली, तेलंगाना)
  2. रंधेर (DKSZC, वारंगल, तेलंगाना)
  3. रूपेश (DKSZC, गढ़चिरौली, महाराष्ट्र)
  4. कमाण्डर सागर (TSC मेम्बर CRC 02, भूपलपल्ली, तेलंगाना)
  5. शंकर राव (DVCM, भूपलपल्ली, तेलंगाना)
  6. विनस (DVCM, वारंगल, तेलंगाना)
  7. जगदीश (DVCM, बालाघाट, मध्य प्रदेश)
  8. संगीता उर्फ सन्नी (ACM, गढ़चिरौली, महाराष्ट्र)
  9. लक्ष्मी (ACM, मलकानगिरी, ओडिशा)
  10. रजीता (ACM, वारंगल, तेलंगाना)

बस्तर में शांति की उम्मीद:

इस अभियान से नक्सली नेटवर्क कमजोर हुआ है। इससे बस्तर में शांति की बहाली की उम्मीद बढ़ी है, लेकिन नक्सलवाद पूरी तरह खत्म करने के लिए अभी और सख्त कदम उठाने होंगे।

चुनौती और भविष्य:

हालांकि माओवादियों की कमर तोड़ी जा चुकी है, फिर भी यह लड़ाई खत्म नहीं हुई है। बस्तर में शांति लाने के लिए लगातार प्रयासों की जरूरत है, ताकि नक्सलवाद की जड़ें पूरी तरह उखाड़ी जा सकें।

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