
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में बस्तर ओलंपिक 2024 का लोगो और मस्कट का अनावरण किया। आज से लेकर 10 दिसंबर तक चलने वाले इस आयोजन का उद्देश्य बस्तर के युवाओं को विकास की मुख्य धारा से जोड़ना और क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं को सामने लाना है।
मुख्यमंत्री ने बस्तर ओलंपिक के प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाते हुए अधिकारियों को खिलाड़ियों के रहने, भोजन, सुरक्षा और चिकित्सा की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। 1 लाख 65 हजार से अधिक लोगों ने इस ओलंपिक के लिए पंजीकरण कराया है, जो क्षेत्र की खेलों के प्रति बढ़ती रुचि को दर्शाता है। खासकर, महिलाओं और पुरुषों ने बराबरी से पंजीकरण कराया है।

बस्तर ओलंपिक का प्रतीक चिन्ह और शुभंकर
लोगो (प्रतीक चिन्ह): लोगो में बस्तर क्षेत्र के परंपरागत वाद्य यंत्र ‘तुरही’ को दर्शाया गया है, और इसके मध्य में ‘बस्तर ओलम्पिक 2024’ लिखा है। गोंडी में ‘करसाय ता बस्तर बरसाय ता बस्तर’ का स्लोगन है, जिसका अर्थ है ‘खेलेगा बस्तर, बढ़ेगा बस्तर’।
शुभंकर (मस्कट): शुभंकर में ‘वन भैंसा’ और ‘पहाड़ी मैना’ को दर्शाया गया है। वन भैंसा राज्य का राजकीय पशु है, जबकि पहाड़ी मैना राजकीय पक्षी है। यह शुभंकर वन्य जीव संरक्षण को भी प्रोत्साहित करता है।
बस्तर ओलंपिक में प्रतियोगिताएं
ओलंपिक में 11 खेल विधाओं की प्रतियोगिताएं विकासखण्ड, जिला और संभाग स्तर पर आयोजित की जाएंगी। इसमें एथलेटिक खेल जैसे 100 मीटर, 200 मीटर, लंबीकूद, ऊंचीकूद और शॉटपूट शामिल हैं। इसके अलावा तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, हॉकी, वेटलिफ्टिंग, कराते, कबड्डी और खो-खो भी होंगे।
यह आयोजन बस्तर क्षेत्र के युवाओं के लिए नई संभावनाओं के दरवाजे खोलेगा और विकास की ओर एक कदम और बढ़ाएगा।
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