विधानसभा में उठा मतांतरण का मुद्दा, 84 एनजीओ की फंडिंग रोकी, 127 की वैधता समाप्त

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने एनजीओ के जरिए हो रहे मतांतरण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में विदेशी फंडिंग की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। इस पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि विदेशी फंडिंग की जांच और कार्रवाई का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। छत्तीसगढ़ में कुल 364 संस्थाएं थीं, जिनमें से 84 की फंडिंग रोक दी गई है और 127 की वैधता समाप्त कर दी गई है।
जशपुर में सबसे ज्यादा मतांतरण के मामले
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि राज्य में सबसे ज्यादा मतांतरण के मामले जशपुर जिले से सामने आ रहे हैं। मिशनरी संस्थाओं को करोड़ों का अनुदान दिया जाता है, लेकिन उनकी ऑडिटिंग नहीं कराई जाती। इसके चलते मतांतरण और धर्म परिवर्तन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
इस पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने जवाब दिया कि ‘चंगाई सभा’ की आड़ में हो रहे मतांतरण की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस साल अब तक चार ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें आपराधिक प्रकरण भी दर्ज हुआ है। पुलिस पूरी तरह सतर्क है और वैधानिक कार्रवाई कर रही है।
धर्मांतरण पर रोक लगाने की जरूरत
अजय चंद्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 22 फरवरी 2025 को खुद बयान दिया था कि विदेशी फंड से मतांतरण हो रहा है। उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने अब तक कितने मामलों की जांच कराई और क्या धर्मांतरण रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए गए हैं?
गृहमंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट किया कि जो संस्थाएं विदेशों से सहायता प्राप्त करती हैं, वे एफसीआरओ से पंजीकृत होती हैं। छत्तीसगढ़ में ऐसी 153 संस्थाएं हैं। पहले राज्य में 364 संस्थाएं थीं, लेकिन जांच के बाद 84 की फंडिंग रोक दी गई और 127 की वैधता समाप्त कर दी गई।
नए कानून लाने की तैयारी
अजय चंद्राकर ने पूछा कि क्या सरकार नए कानून लाने की तैयारी कर रही है? इस पर गृह मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य विधेयक पहले से लागू है, लेकिन जल्द ही इसमें नए प्रावधान जोड़े जाएंगे।
बिलासपुर और बस्तर में धर्मांतरण का बढ़ता खतरा
भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने बिलासपुर में जोशवा प्रोजेक्ट के जरिए धर्मांतरण कराए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं, केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम ने कहा कि बस्तर के 70% गांवों में मतांतरण का खेल चल रहा है और इसमें विदेशी फंडिंग का सीधा इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह स्थिति बनी रही तो राज्य की आदिवासी पहचान खतरे में पड़ सकती है।
कानून व्यवस्था पर जोर
भाजपा विधायक राजेश मूणत ने कहा कि राजधानी रायपुर में ही 15 दिनों के भीतर दो धर्मांतरण के मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने सवाल किया कि हिंदू समाज को हर आयोजन के लिए अनुमति लेनी पड़ती है, तो क्या मतांतरण कराने वाले संगठनों के लिए भी ऐसी कोई व्यवस्था है?
गृहमंत्री विजय शर्मा ने आश्वासन दिया कि विष्णुदेव साय सरकार में कानून का राज है। किसी भी सार्वजनिक आयोजन के लिए प्रशासन की अनुमति अनिवार्य है और जो ऐसा नहीं करता, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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