
नई दिल्ली: हाल ही में, यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया और कॉमेडियन समय रैना द्वारा किए गए विवादास्पद बयान ने एक नया मोड़ ले लिया है। दोनों की टिप्पणियां अब संसद तक पहुंच चुकी हैं और इस मामले में एक संसदीय समिति ने चर्चा शुरू कर दी है कि क्या उन्हें समन भेजा जाए। इस मामले में कार्रवाई की दिशा में जानकारी मिल रही है कि पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया को नोटिस जारी किया जा सकता है।
क्या था विवाद?
यह मामला “इंडियाज गॉट लेटेंट” शो का है, जिसमें रणवीर इलाहाबादिया ने एक कंटेस्टेंट से उनके माता-पिता की सेक्स लाइफ के बारे में एक अत्यधिक भद्दा सवाल पूछा था। रणवीर का सवाल था, “क्या आप अपने पेरेंट्स को हर दिन इंटीमेट होते हुए देखना चाहेंगे? या फिर एक बार पेरेंट्स के इंटीमेट मोमेंट्स में शामिल होने के बाद उन्हें कभी भी ऐसा करते हुए नहीं देखना चाहेंगे?” इस सवाल के बाद शो में मौजूद सभी जज और ऑडियंस हंसी में झूम उठे, लेकिन सोशल मीडिया पर इस वीडियो का वायरल होना और लोगों का गुस्सा फूटना तय था।

सोशल मीडिया और पुलिस का रुख
रणवीर के इस भद्दे बयान ने सोशल मीडिया पर तूफान खड़ा कर दिया। लोग इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देने लगे और शो को बायकॉट करने की मांग उठने लगी। कुछ ही घंटों में कई एफआईआर देशभर के विभिन्न राज्यों में दर्ज की गई। मुंबई पुलिस ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी और इंडियाज गॉट लेटेंट के सेट पर पहुंची।
न केवल मुंबई पुलिस, बल्कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने भी इस बयान को गंभीरता से लिया और यूट्यूब को एक पत्र लिखा, जिसमें इस मुद्दे को संज्ञान में लेने की अपील की गई। वहीं, महाराष्ट्र महिला आयोग ने भी शिकायत दर्ज कराई और सख्त कार्रवाई की मांग की।
रणवीर इलाहाबादिया का माफी वीडियो
जैसे ही मामला तूल पकड़ा, रणवीर इलाहाबादिया ने सोशल मीडिया पर एक माफी वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा कि उनका बयान अनुचित था और वह इसे सही ठहराने की कोई कोशिश नहीं करेंगे। रणवीर ने स्वीकार किया कि वह कॉमेडी के क्षेत्र में नहीं हैं और यह मजाक उनके द्वारा किए गए तरीके से बिल्कुल भी सही नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पॉडकास्ट को सभी उम्र के लोग सुनते हैं, और वह ऐसे किसी भी बयान का हिस्सा नहीं बनना चाहते थे।
सख्त कार्रवाई की चेतावनी
इस बीच, असम पुलिस ने भी रणवीर के खिलाफ केस दर्ज किया और राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी चेतावनी दी है कि अगर मर्यादा की सीमा लांघी गई है तो उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गलत इस्तेमाल नहीं होने दिया जाएगा।
आगे की कार्रवाई
इस पूरे मामले के बाद अब यह देखना बाकी है कि संसद और अन्य संबंधित अधिकारी आगे क्या कदम उठाते हैं। क्या रणवीर और समय रैना पर कार्रवाई होगी, या फिर यह मामला खत्म हो जाएगा, यह आने वाले समय में साफ हो जाएगा।
यह मामला केवल एक विवादास्पद बयान नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण संकेत है कि सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर जिम्मेदारी के साथ बयान देना कितना महत्वपूर्ण है।