CG School Rationalization: छत्तीसगढ़ में हजारों की संख्या में बंद नहीं होंगे स्कूल, 10 से कम छात्रों की संख्या वाले स्कूलों का होगा समायोजन, शेष रहेंगे चालू

CG School Rationalization: छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा को लेकर इन दिनों खूब चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया और कुछ संगठनों के जरिए ये बात फैलाई जा रही थी कि शिक्षक एवं स्कूल के युक्तियुक्तकरण कर राज्य सरकार हजारों स्कूल बंद करने जा रही है। इस खबर ने अभिभावकों से लेकर शिक्षकों तक को चिंता में डाल दिया। लेकिन अब खुद शिक्षा विभाग ने इन दावों को सिरे से खारिज करते हुए साफ किया है कि सच्चाई कुछ और है। विभाग का कहना है कि स्कूल बंद नहीं किए जा रहे, बल्कि एक बेहतर व्यवस्था के तहत कुछ स्कूलों का तर्कसंगत समायोजन किया जा रहा है, ताकि बच्चों को और भी अच्छी और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिल सके।
स्कूल बंद नहीं, सुधार की पहल है युक्तियुक्तकरण: शिक्षा विभाग
CG Teacher Yuktiyuktkaran: छत्तीसगढ़ में “हजारों स्कूल बंद हो रहे हैं” जैसी खबरें इन दिनों तगड़ी हवा पकड़ रही थीं। लेकिन अब शिक्षा विभाग ने सामने आकर इन तमाम बातों को पूरी तरह भ्रामक और तथ्यहीन करार दिया है। विभाग का साफ कहना है कि स्कूल बंद नहीं किए जा रहे, बल्कि “युक्तियुक्तकरण” यानी तर्कसंगत समायोजन किया जा रहा है ताकि शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके।
सिर्फ 166 स्कूल होंगे समायोजित, बाकी 10,297 स्कूल रहेंगे चालू
CG Teacher Rationalization: राज्य के कुल 10,463 स्कूलों में से सिर्फ 166 स्कूलों का समायोजन किया जाएगा। इनमें से ग्रामीण क्षेत्रों के 133 स्कूल ऐसे हैं जहाँ छात्रों की संख्या 10 से कम है और 1 किलोमीटर के दायरे में दूसरा स्कूल पहले से चल रहा है। वहीं शहरी क्षेत्र के 33 स्कूलों में दर्ज संख्या 30 से कम है और 500 मीटर के अंदर दूसरा स्कूल मौजूद है।
इन हालात में इन स्कूलों को पास के स्कूलों के साथ मिलाया जा रहा है ताकि बच्चों को अच्छी पढ़ाई, संसाधन और अनुभवी शिक्षक मिल सकें। विभाग ने ये भी साफ कर दिया है कि इससे किसी बच्चे की पढ़ाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
समायोजन और बंद होने में फर्क समझिए
शिक्षा विभाग ने लोगों को ये भी समझाया है कि ‘समायोजन’ का मतलब स्कूल बंद करना नहीं है। समायोजन का मकसद पास के दो या ज्यादा स्कूलों को एक साथ लाकर संसाधनों का समुचित इस्तेमाल करना है। इसमें स्कूल भवन पहले की तरह काम आते रहेंगे और जरूरत के हिसाब से वहाँ शिक्षक भी तैनात रहेंगे।
बच्चों को मिलेगा बेहतर माहौल, अधिक संसाधन और योग्य शिक्षक
सरकार की योजना साफ है—जहाँ बच्चे कम हैं, वहाँ स्कूलों को मिलाकर बेहतर शिक्षा का माहौल बनाया जाएगा। इससे बच्चों को:
- विषय विशेषज्ञ शिक्षक
- लाइब्रेरी, लैब और कंप्यूटर जैसी सुविधाएँ
- शिक्षकों की संख्या में संतुलन
जैसी चीजें एक साथ मिलेंगी। यानी अब वो स्कूल भी चमकेंगे जो पहले गिनती के छात्रों और एक या दो शिक्षकों के भरोसे चल रहे थे।
सरकार की मंशा: संख्या नहीं, ज़रूरत के हिसाब से शिक्षक भेजे जाएँ
अब तक अक्सर शिकायत होती थी कि कुछ स्कूलों में ज़रूरत से ज़्यादा शिक्षक हैं, तो कहीं एक भी नहीं। सरकार अब इस असंतुलन को ठीक करना चाहती है। अब नियुक्तियाँ संख्या नहीं, बल्कि ज़रूरत के आधार पर होंगी। ताकि हर बच्चे को उसकी ज़रूरत के हिसाब से शिक्षक मिलें।
शिक्षा में बदलाव का मजबूत क़दम
छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग इस पहल को सिर्फ एक प्रशासनिक बदलाव नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की रीब्रांडिंग मान रहा है। इसका सीधा असर आने वाली पीढ़ियों पर पड़ेगा। सरकार का लक्ष्य है—हर बच्चे तक पहुंचे अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा।
अफवाहों से बचें, बदलाव को समझें
शिक्षा विभाग ने अपील की है कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें। जो भी बदलाव हो रहे हैं, उनका मकसद शिक्षा का स्तर बढ़ाना है, स्कूल बंद करना नहीं। जो लोग सोशल मीडिया में “हजारों स्कूल बंद” होने की बात फैला रहे हैं, वे आधी अधूरी जानकारी से भ्रम फैला रहे हैं।