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UPI सर्विस अचानक ठप: पूरे देश में डिजिटल पेमेंट्स अटक गए, PhonePe, Google Pay के हजारों यूजर्स परेशान, क्यों बार-बार UPI का सर्वर हो रहा है डाउन? NPCI ने कही ये बात

नई दिल्ली – UPI Down: शनिवार, 12 अप्रैल को पूरे देश में UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) की सेवाएं अचानक ठप हो गईं। इस तकनीकी खामी की वजह से किराना दुकानों से लेकर रेस्टोरेंट और शॉपिंग मॉल तक हर जगह लोग पेमेंट नहीं कर सके। Paytm, PhonePe और Google Pay जैसे बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लेन-देन लगातार फेल होते रहे।

लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास निकाली और सिस्टम को कोसते हुए कहा – ‘डिजिटल इंडिया ठीक है, लेकिन कैश साथ में रखना जरूरी है।’

हर जगह लेन-देन रुका, सोशल मीडिया पर मचा हंगामा

शनिवार दोपहर जैसे ही लोग खरीदारी के लिए निकले, वैसे ही UPI ट्रांजैक्शन फेल होने लगे। Downdetector वेबसाइट के मुताबिक दोपहर 12 बजे तक 1,200 से ज्यादा यूजर्स ने शिकायतें दर्ज कराईं। इनमें से 66% लोगों को पेमेंट फेल, जबकि 34% को ट्रांसफर में रुकावट का सामना करना पड़ा।

इस बार समस्या किसी एक बैंक या ऐप तक सीमित नहीं थी, बल्कि पूरे UPI नेटवर्क को प्रभावित किया। हैरानी की बात ये है कि अभी तक NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

पहले भी बैठ चुकी है UPI की व्यवस्था

ये पहली बार नहीं है जब देशभर में UPI सेवा अचानक बंद हुई हो। 26 मार्च को भी ढाई घंटे तक UPI नेटवर्क ठप रहा था। उस दिन भी Google Pay, PhonePe और Paytm जैसे बड़े ऐप्स से पैसे भेजना-मंगवाना टेढ़ी खीर बन गया था।

10 से ज्यादा बैंकों की UPI और नेट बैंकिंग सेवाएं भी बंद हो गई थीं। कई यूजर्स तो अपने बैंक ऐप में लॉगिन तक नहीं कर पा रहे थे। बाद में NPCI ने सफाई दी थी कि
“कुछ तकनीकी खामियों की वजह से सर्विस आंशिक रूप से बाधित हुई थी, लेकिन अब सब कुछ ठीक है।”

UPI का असली खेल कौन चला रहा है?

जब आप RTGS या NEFT से पैसे ट्रांसफर करते हैं तो उसकी जिम्मेदारी RBI की होती है। लेकिन अगर आप UPI, IMPS या RuPay का इस्तेमाल करते हैं, तो इनका संचालन करता है – NPCI यानी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया।

यह वही संस्था है जिसने देशभर में तेज, स्मार्ट और फ्री डिजिटल ट्रांजैक्शन का नेटवर्क खड़ा किया। सरकार ने भी 1 जनवरी 2020 से UPI ट्रांजैक्शन्स पर जीरो चार्ज लागू किया, ताकि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिल सके।

NPCI ने क्या दी सफाई?

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) एक इंस्टेंट डिजिटल पेमेंट सिस्टम है, जिसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने डेवलप किया है और इसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेगुलेट करता है। शनिवार को जब देशभर में UPI ठप हुआ तो NPCI ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पहले ट्विटर) पर इस तकनीकी खामी को लेकर एक पोस्ट जारी की।

NPCI ने लिखा, “हमें मौजूदा समय में तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से UPI ट्रांजैक्शन में रुकावट आ रही है। हम इस परेशानी को सुलझाने में जुटे हैं और जल्द ही अपडेट देंगे। यूजर्स को हो रही असुविधा के लिए खेद है।”

डाउन डिटेक्टर की रिपोर्ट के मुताबिक, दोपहर 1 बजे तक कुल 2,358 शिकायतें सामने आईं। इनमें से 81% यूजर्स को पेमेंट फेल होने की दिक्कत आई, जबकि 17% को फंड ट्रांसफर में परेशानी हुई। इतना ही नहीं, SBI, ICICI और HDFC जैसे देश के टॉप बैंकिंग ऐप्स भी इस सर्विस डिसरप्शन से प्रभावित हुए।

लेकिन सवाल ये है कि…

जब देश का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर इतना मजबूत बताया जा रहा है, तो बार-बार UPI क्रैश क्यों हो रहा है? हर बार NPCI की तरफ से “तकनीकी दिक्कत” कहकर पल्ला झाड़ लेना क्या पर्याप्त है? और क्या आने वाले समय में ऐसे फेलियर से बचने की कोई गारंटी मिलेगी?

डिजिटल इंडिया में अगर भरोसा चाहिए, तो सिस्टम को दुरुस्त करना होगा – वरना लोग फिर वही कहेंगे, “अरे भैया, कैश है ना?”

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