बाघ

बाघ छत्तीसगढ़ के प्रमुख और दुर्लभ वन्य जीवों में से एक है। राज्य के कई वन्य क्षेत्रों में बाघों की उपस्थिति है, खासकर कांकेर और पारसनाथ क्षेत्र में। बाघों को राज्य के जंगलों का राजा भी कहा जाता है।

भालू

  छत्तीसगढ़ में विभिन्न प्रकार के भालू पाए जाते हैं, जिनमें सबसे प्रमुख स्लoth भालू है। ये भालू मुख्य रूप से जंगलों में रहते हैं और उनकी संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है।  

सिंह

राज्य के कुछ संरक्षित क्षेत्रों में एशियाई सिंह की संख्या बढ़ने की दिशा में काम किया जा रहा है। हालांकि, यह क्षेत्र में दुर्लभ हैं, लेकिन संरक्षण प्रयासों से इनकी संख्या में वृद्धि हो सकती है।

तेंदुआ

तेंदुआ छत्तीसगढ़ के जंगलों में सामान्य रूप से पाया जाता है। इनकी संख्या भी स्थिर है और ये अपने शिकार के लिए जंगलों में व्यापक रूप से विचरण करते हैं।  

गैंडा

कृष्णा गैंडा और अन्य प्रजातियों की उपस्थिति छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में देखी जाती है। गैंडे की संख्या का संरक्षण प्रयास महत्वपूर्ण है, और राज्य में इसके लिए कई परियोजनाएं चल रही हैं।

सांप और अजगर

छत्तीसगढ़ में कोबरा, रसेल्स वाइपर, पाइथन, और अन्य विषैले सांप पाए जाते हैं। ये वन्य जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और जंगलों में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

लंगूर

छत्तीसगढ़ में लंगूर के बड़े झुंड पाए जाते हैं। ये बंदर आमतौर पर जंगलों में झुंड बनाकर रहते हैं और इनका आहार मुख्य रूप से फल और पत्तियां होती हैं।  

गिद्ध

 गिद्धों की कुछ प्रजातियां छत्तीसगढ़ के जंगलों में पाई जाती हैं, जो मांसाहारी हैं और मृत जीवों का शिकार करती हैं।  

साँभर

सांभर एक बड़ा और शक्तिशाली हिरण होता है, जो छत्तीसगढ़ के कई जंगलों में पाया जाता है। इसका शिकार और संरक्षण दोनों ही महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।

साँभर

सांभर एक बड़ा और शक्तिशाली हिरण होता है, जो छत्तीसगढ़ के कई जंगलों में पाया जाता है। इसका शिकार और संरक्षण दोनों ही महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।

संरक्षित क्षेत्रों में इनकी सुरक्षा

छत्तीसगढ़ में कई संरक्षित वन्यजीव अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों जैसे कांकेर, पीतल, और बदामी में इन वन्य जीवों का संरक्षण किया जाता है। राज्य सरकार और विभिन्न संगठनों ने इन जीवों के संरक्षण और उनकी संख्या बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए हैं।

इन प्रमुख वन्य जीवों के साथ छत्तीसगढ़ का वन्यजीव संरक्षण, पर्यटकों को आकर्षित करने और जैव विविधता को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।