प्राकृतिक उत्पत्ति
यह शिवलिंग प्रकृति द्वारा निर्मित है और हर साल इसका आकार बढ़ता है।
विशाल आकार
शिवलिंग की ऊंचाई लगभग 18 फीट और गोलाई 20 फीट है, जो इसे विशाल बनाता है।
विज्ञान के लिए रहस्य
वैज्ञानिक इसे शोध का विषय मानते हैं क्योंकि यह लगातार बढ़ता जा रहा है।
अर्धनारीश्वर रूप
शिवलिंग में हल्की दरार पाई जाती है, जिसके कारण इसे अर्धनारीश्वर रूप में पूजा जाता है।
भकुर्रा महादेव
इसे भकुर्रा महादेव भी कहा जाता है, जिसका मतलब है "हूंकने की आवाज"।
स्थानीय मान्यता
इस शिवलिंग के पास से बैल और शेर की आवाजें सुनाई देती थीं, जिससे इसकी रहस्यमयता बढ़ी।
शिव, पार्वती और अन्य देवता
शिवलिंग के साथ भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिक और नंदी की मूर्तियां स्थित हैं।
पुरानी कथा
इसे एक पुरानी कथा से जोड़ा जाता है, जिसमें बैल और शेर की आवाजें सुनाई देती थीं।
शिवरात्रि पर आकर्षण
महाशिवरात्रि पर यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है, जो इसे पवित्र स्थान मानते हैं।
वर्षीय वृद्धि
पुरातात्विक विभाग के अनुसार, यह शिवलिंग हर साल 6 से 8 इंच तक बढ़ता है, जो इसे अद्भुत बनाता है।