छत्तीसगढ़

जब ‘सुशासन तिहार’ में शादी की अर्जी पहुंची: युवक बोला – साहब, 10 साल से दूल्हा बना बैठा हूं, अब तो दुल्हन दिलवा दो !

धमतरी में मिला सबसे अनोखा आवेदन

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में ‘सुशासन तिहार’ के दौरान कुछ ऐसा हुआ, जिसे सुनकर लोग मुस्कराए बिना नहीं रह पाए। सरकार की मंशा थी कि जनता अपनी समस्याएं खुलकर बताए, और फिर उनके समाधान की दिशा में काम हो। लोग भी पीछे नहीं रहे—किसी ने राशन कार्ड मांगा, किसी ने बिजली बिल माफ करने की गुहार लगाई। लेकिन इस सबके बीच एक युवक ने जो आवेदन दिया, उसने सबका ध्यान खींच लिया।

ग्राम अमाली (विकासखंड नगरी) के रहने वाले राजमन ध्रुव ने ‘समाधान पेटी’ में एक ऐसा आवेदन डाला, जिसमें उसने सीधे-सीधे शादी कराने की मांग कर दी। महिला एवं बाल विकास विभाग के नाम लिखे इस आवेदन को पढ़कर अफसर पहले चौंके, फिर मुस्कुरा दिए।

राजमन की गुहार – “अकेलापन काटे जा रहा है, कोई जीवनसाथी दिला दो मुख्यमंत्री जी!”

राजमन ने अपने दिल की बात पूरी सच्चाई से लिखी:

“मैं पिछले दस सालों से विवाह योग्य लड़की की तलाश कर रहा हूं, लेकिन अब तक कहीं बात नहीं बनी। मां-बाप भी नहीं हैं, अकेलापन अब भारी पड़ रहा है। सरकार मेरी मदद करे, ताकि मुझे एक जीवनसाथी मिल सके।”

अब इस भावुक और मासूम आवेदन को सिर्फ मज़ाक समझना भी गलत होगा, क्योंकि राजमन की बात में दर्द साफ झलक रहा है। ये एक अकेलेपन से जूझते इंसान की सच्ची आवाज़ है, जो ‘सरकार’ को अब सिर्फ योजना देने वाला संस्थान नहीं, बल्कि एक उम्मीद की किरण मान रहा है।

‘सुशासन तिहार’ में समाधान से आगे, अब दिल की बात भी हो रही है

8 से 11 अप्रैल 2025 के बीच राज्य सरकार द्वारा चलाया गया ‘सुशासन तिहार’ अभियान जनता और प्रशासन के बीच सीधा संवाद स्थापित करने की एक कोशिश थी। गांव-गांव में समाधान पेटियां रखी गईं, ताकि लोग अपनी बात बेझिझक रख सकें।

राजमन का आवेदन इस बात का उदाहरण बन गया है कि अब लोग सरकारी मंचों को सिर्फ राशन-पेंशन तक सीमित नहीं मानते, बल्कि पर्सनल परेशानियों के हल के लिए भी सरकार की ओर उम्मीद से देखने लगे हैं।

अब सवाल ये कि सरकार क्या करेगी?

सवाल अब यह है कि क्या इस आवेदन पर सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया आएगी?
क्या मुख्यमंत्री कोई पहल करेंगे या फिर राजमन को अगली ‘सुशासन तिहार’ का इंतज़ार करना होगा?

वैसे ये भी कहना गलत नहीं होगा कि अगर शादी जैसे मसलों में भी शासन सहयोग करने लगे, तो ‘सुशासन’ का मतलब ही बदल जाएगा।

थोड़ा हंसी, थोड़ा दर्द… एक आईना है ये कहानी

राजमन की यह कहानी हल्की मुस्कान जरूर देती है, लेकिन इसके पीछे छुपी भावनाएं गहरी हैं। यह उस समाज की तस्वीर है, जहां अकेलेपन को गंभीरता से नहीं लिया जाता, और रिश्तों की जरूरत को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।

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