छत्तीसगढ़

झीरम घाटी नक्सली हमला: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की एनआईए की याचिका, छत्तीसगढ़ पुलिस करेगी जांच

झीरम घाटी नक्सली हमले मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में अब छत्तीसगढ़ पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर सकेगी। कांग्रेस नेता और याचिका कर्ता जितेंद्र मुदलियर के आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। दरअसल 25 मई 2013 को बस्तर के झीरम घाटी में नक्सली हमले में कांग्रेस नेता और पुलिस के जवान शहीद हुए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने झीरम घाटी मामले की जांच को लेकर कहा है कि छत्तीसगढ़ पुलिस भी कर सकेगी जांच, एनआईए की याचिका को खारिज कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित झीरम घाटी नरसंहार मामले में यह बड़ा फैसला आया है। 25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ के बस्तर में झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन रैली से लौट रहे कांग्रेस नेताओं पर नक्सलियों ने हमला कर दिया गया था जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेता महेंद्र कर्मा, तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व विधायक राजनांदगांव उदय मुदलियार समेत नेताओं और जवानों के साथ कुल 23 लोगों की मौत हो गई थी। 

इस मामले में एनआईए द्वारा पूरे मामले की जांच की जा रही थी, उन्हें प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद एनआईए की जांच पर भी सवाल खड़ा हो रहा था इस पर याचिका कर्ता जितेंद्र मुदलियार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया है जिसमें अब झीरम घाटी मामले की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस कर सकेगी। कांग्रेस नेता और याचिका कर्ता जितेंद्र मुदलियार ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एनआईए की याचिका को खारिज किया गया है हम लोग 25 मई 2020 को एक आवेदन जगदलपुर एसपी को दिया था जिसमें हम लोगों ने मांग की थी कि झीरम के षड्यंत्र की जांच होनी चाहिए और उसकी जांच की प्रक्रिया जब शुरू हुई तो एनआईए के द्वारा बार-बार स्टे के लिए लगाया गया आज उस स्टे को खारिज कर दिया गया है। अब राज्य सरकार के एसआईटी द्वारा इसकी जांच हो पाएगी। अब न्याय का रास्ता खुला है, छतीसगढ़ की जो एसआईटी गठित की है राज्य सरकार ने दोषियों को कटघरे में खड़ा करेगी।

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