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नीट 2024 पेपर लीक विवाद: छत्तीसगढ़ से यूपी तक की कड़ी

नीट 2024 पेपर लीक मामले का छत्तीसगढ़ से कनेक्शन सामने आया है। पेपर लीक माफिया बिजेन्द्र गुप्ता ने यूपी के जिस विधायक बेदीराम का नाम लिया है, वो बेदीराम वही शख्स है, जो छत्तीसगढ़ पीएमटी 2011 लीक मामले में गिरफ्तार हुआ था।

इस मामले में उसे जेल भी हुई। बाद में कोर्ट से जमानत मिली। आखिर में सबूतों के अभाव में 2018 में रायपुर कोर्ट ने बेदीराम समेत मुख्य आरोपियों अखिलेश पांडेय, मनीष सिंह और दीनाराम को बरी कर दिया था। ये राज्य का पहला पर्चा लीक कांड था।

26 जून को विधायक बेदीराम का एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें वह एक युवक से पेपर और लेन-देन की बात करता दिख रहा था। बेदीराम यूपी की जखनियां सीट से विधायक है। पेपर लीक माफिया बिजेंद्र गुप्ता ने भी उसका नाम लिया है। बिजेंद्र पहले बेदीराम के साथ जेल भी जा चुका है। हालांकि, अब तक बेदीराम को NEET पेपर लीक में आरोपी नहीं बनाया गया है।

नीट लीक के तार खोजते हुए भास्कर ने बेदीराम की हिस्ट्री खंगाली। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से यूपी विधानसभा के सदस्यों की सूची में बेदीराम पिता मन्नु राम जाटव का नाम मिला। उसने हलफनामे में कहा है कि उस पर विभिन्न राज्यों में 8 केस दर्ज हैं।

परीक्षाओं में नाम सामने आने, केस दर्ज हाेने के बाद भी जांच एजेंसियों की पकड़ से बेदीराम बाहर है, क्योंकि उसे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। 2006 में पहली बार रेलवे की भर्ती परीक्षा के पेपर लीक में उसका नाम आया था। बेदीराम जौनपुर थाने का हिस्ट्रीशीटर है। इस मामले में भास्कर ने रायपुर के गंज थाने में 13 साल पुरानी एफआईआर पढ़ी। इसमें बेदीराम का नाम, पता दर्ज है।

2011 पीएमटी पेपर लीक, क्या है पूरा मामला
13 साल पहले जब NEET की जगह PMT की परीक्षा से मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन होता था। तब छत्तीसगढ़ में व्यापमं इस परीक्षा का आयोजन करता था। 18 जून 2011 को भी छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल सीजी-पीएमटी कराने जा रहा था।

इसके पहले ही यूपी के संगठित गिरोह ने पेपर हासिल कर, अभ्यर्थियों को बेच दिया। बाकायदा रायपुर और तखतपुर के होटलों में गिरोह के सदस्यों ने अभ्यर्थियों को ठहराया और पेपर हल कराए। इसके एवज में एक-एक अभ्यर्थी से 13-13 लाख रुपए लिए थे।

जानकारी मिलने पर पुलिस ने दबिश दी और आरोपियों को मौके से गिरफ्तार कर लिया। 7 साल सुनवाई के बाद जज प्रभाकर ग्वाले ने तत्कालीन एसपी, टीआई और जांच अधिकारी की भूमिका पर सख्त टिप्पणी की थी। इस मामले में जमकर विवाद हुआ था। बाद में जज का तबादला सुकमा कर दिया गया था। फैसले के बाद रायपुर का यह केस बंद हो गया है।

विधायक बेदीराम का नाम MPPSC पर्चा लीक में भी आ चुका है।

विधायक बेदीराम का नाम MPPSC पर्चा लीक में भी आ चुका है।

इस मामले में भास्कर संवाददाता प्रशांत गुप्ता ने यूपी के जखनिया सीट से विधायक बेदीराम से बात की…..

सवाल- नीट पेपर लीक में फिर आपका नाम आया है?

जवाब- नीट नहीं, किसी पेपर लीक में मेरा नाम आ जाएगा उस दिन में विधायकी छोड़ दूंगा। संन्यास ले लूंगा

सवाल– 2011 पीएमटी में आपका नाम आया था, एफआईआर भी दर्ज हुई है?किसने बताया है। 2011 का मामला था।

जवाब– 2018 में बरी हो गया हूं। इसी तरह से मेरा नाम एफआईआर में जोड़ देते हैं।

सवाल– शपथ-पत्र में कहा है कि आप पर कई राज्यों में पेपर लीक्स में केस दर्ज हैं?

जवाब– हां, मैंने घोषित किया था, लेकिन ढाई साल में सब खत्म हो गए। एक मामला अभी चल रहा है। वह भी खत्म हो जाएगा।

सवाल– कहां चल रहा है अभी यह मामला?

जवाब– देखना पड़ेगा। यह केवल इसलिए हो रहा है कि क्योंकि मैं दलित हूं, दलित विधायक हूं। यह विपक्षी पार्टियां करवा रही हैं। एक बार नाम आया तो हर बार डाल दो। बलि बकरे, मुर्गे की दी जाती है। शेर की नहीं। मैं बकरा हूं। 100 विधायकों में टॉप टेन में नाम है।

बेदीराम का शपथपत्र।

बेदीराम का शपथपत्र।

बेदीराम ने हलफनामे में खुद पर केस की बात स्वीकारी थी

निर्वाचन क्षेत्र: 373, जखनिया विधानसभा सीट से विधायक, गाजीपुर पार्टी: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी।
शिक्षा: स्नातक
इन मामलों में एफआईआर: {राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा 1992- धारा 419, 420,120बी, 4/6 {उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधनों का निवारण अधिनियम 1988- धारा 418, 420, 147, 148, 336, 504, 506, 392 {रेलवे भर्ती परीक्षा, एमपी-पीएससी भर्ती परीक्षा, रेलवे भर्ती परीक्षा, जयपुर, भोपाल, छत्तीसगढ़, लखनऊ, मोतीनगर लखनऊ, आशियाना लखनऊ, जलालपुर जौनपुर।

नोट- विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान 16 फरवरी 2022 को रिटर्निंग ऑफिसर को दिया शपथ-पत्र।

तखतपुर कोर्ट में अब तक सुनवाई चल रही, गवाही अधूरी
इस मामले में तखतपुर थाने में भी एफआईआर दर्ज हुई थी। थाना प्रभारी ने बताया कि अभी कोर्ट में सुनवाई जारी है। गवाही अभी अधूरी है। कोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक तखतपुर के मामले में अखिलेश पांडेय मुख्य आरोपी था। अखिलेश समेत 80 आरोपी थे, 60 गिरफ्तार हो चुके हैं। शेष जमानत पर हैं या फरार हैं। अभी फाइनल चार्जशीट पेश नहीं हुई है।

जो ‘फरार’, वे बिहार से देशभर में लीक करा रहे

भास्कर पड़ताल में पता चला कि जिन परीक्षा माफियाओं को पटना पुलिस फरार मानती है, वे यहीं बैठकर पेपर लीक कराने की साजिश रचते हैं। उनमें सबसे बड़ा नाम जहानाबाद के अतुल वत्स का है। दूसरा बड़ा नाम समस्तीपुर के विद्यापति नगर के बिजेंद्र गुप्ता का है। दोनों के खिलाफ मार्च 2022 में ही दानापुर थाने में केस दर्ज किया गया था। तब अश्विनी सौरभ, रूपेश, शिव शंकर और तनेश पकड़े गए थे। 28 महीने से अतुल व बिजेंद्र को पटना पुलिस नहीं पकड़ सकी। सूत्रों की मानें तो दोनों पटना में ही हैं।

नीट से जुड़े 873 केस कोर्ट में; 3 साल में 172 आए

2021 तक नीट परीक्षा से जुड़े 701 केस देशभर की अदालतों में थे। 2021 के बाद के मामले जुड़ने पर आंकड़ा 873 होता है। पिछले 3 साल की बात करें तो हर साल औसतन 60 मामले कोर्ट पहुंचे हैं। 2024 में 71, 2023 में 44 और 2022 में 57 केस आए। दिल्ली हाईकोर्ट में नीट से जुड़े सबसे ज्यादा मामले गए। 2024 में इनकी संख्या 20 व 2023 में 15 और 2022 में 30 रही। ये परीक्षा, प्रवेश और रिजल्ट आदि से जुड़े थे।

सीयूईटी की आंसर-की जारी; 200 रु. शुल्क देकर महज 5 स्टेप में दर्ज कराएं आ​​पत्तियां…

एनटीए ने रविवार को सीयूईटी यूजी (अंडरग्रेजुएट कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) की प्रोविजनल आंसर-की जारी कर दी। सीयूईटी यूजी आंसर-की का आपत्ति शुल्क 200 रु. है। इन 5 स्टेप से आप पूरी प्रक्रिया कर सकते हैं-

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