छत्तीसगढ़

राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू का छत्तीसगढ़ प्रवास

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मूर्मू ने हाल ही में छत्तीसगढ़ का दौरा किया। यह दौरा दो दिन चला और बहुत सफल रहा। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने उनके सम्मान में भोज रखा। यह भोज नया रायपुर में आयोजित हुआ। इसमें छत्तीसगढ़ी और उड़िया व्यंजन परोसे गए। विभिन्न व्यंजनों ने राष्ट्रपति का दिल जीत लिया।

छत्तीसगढ़ में राष्ट्रपति की मेहमान नवाज़ी

राष्ट्रपति ने इस मेहमान नवाज़ी की तारीफ की। मुख्यमंत्री ने अपनी पत्नी श्रीमती कौशल्या के साथ राष्ट्रपति को प्रिंटेड फोटो एल्बम और फ़ोटो फ़्रेम भेंट किया। राष्ट्रपति को यह उपहार बहुत पसंद आया। इस मौके की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। उनमें राष्ट्रपति की मुस्कान खास थी। यह दिखाता है कि उनके लिए यह पल कितना खास था।

राष्ट्रपति का खास तोहफ़ा: फोटो एल्बम और फ़ोटो फ़्रेम

फोटो एल्बम देखकर राष्ट्रपति ने कहा, “आज के डिजिटल युग में लोग फोटो व्हाट्सएप और ई-मेल पर शेयर करते हैं। इतनी जल्दी प्रिंट करना सुखद है।” उन्होंने कहा कि इस एल्बम में मुख्यमंत्री के परिवार की फ़ोटोज़ भी शामिल हैं। यह उपहार परंपरागत नैतिक मूल्यों को दर्शाता है।

खास तस्वीरें

नवा रायपुर में राष्ट्रपति को भेंट किए गए फोटो एल्बम में कई तस्वीरें थीं। इनमें विद्यार्थियों के साथ संवाद की तस्वीरें थीं। इसके अलावा, भगवान जगन्नाथ के मंदिर की तस्वीरें भी थीं। मुक्तांगन में जनकल्याणकारी योजनाओं की फ़ोटोज़ भी शामिल थीं। इन तस्वीरों ने राष्ट्रपति को छत्तीसगढ़ की संस्कृति की याद दिलाई।

छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का महत्व

छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपराएं हमेशा से समृद्ध रही हैं। इस दौरे ने राष्ट्रपति को इन परंपराओं को और करीब से देखने का मौका दिया। छत्तीसगढ़ी लोग अपनी सांस्कृतिक धरोहर को गर्व से अपनाते हैं। राष्ट्रपति का यह प्रवास इस संस्कृति को और भी उजागर करता है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू और परंपरा का संगम

यह उपहार राष्ट्रपति के लिए खास स्मृति बन गया। यह छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक मूल्यों का प्रतीक है। राष्ट्रपति का यह प्रवास गर्व का क्षण था। यह दिखाता है कि परंपरागत नैतिकता और आधुनिकता का संगम संभव है। राष्ट्रपति ने कहा कि इस अनुभव को वे हमेशा याद रखेंगी।

छत्तीसगढ़ दौरे का सारांश और अंतिम विचार

इस तरह के कार्यक्रम न केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देते हैं, बल्कि यह हमें हमारी जड़ों से भी जोड़ते हैं। राष्ट्रपति द्रुपति मूर्मू का छत्तीसगढ़ दौरा इस बात का एक उदाहरण है। उन्होंने न केवल इस राज्य की विविधता को सराहा, बल्कि वहां के लोगों की मेहमान नवाज़ी का भी ध्यान रखा।

Also Read: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का छत्तीसगढ़ दौरा: ऐतिहासिक स्वागत और उम्मीदों का नया सफर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Notice: ob_end_flush(): failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/dakshinkosal/public_html/wp-includes/functions.php on line 5464