छत्तीसगढ़ के वनों में विविध प्रकार के पेड़ पाए जाते हैं, जिनमें से कुछ सबसे आम हैं:
साल का पेड़ (Shorea robusta): साल का पेड़ छत्तीसगढ़ का राज्य वृक्ष है। यह एक विशाल और दीर्घायु पेड़ है, जिसकी लकड़ी बहुत मजबूत और टिकाऊ होती है।
सागौन का पेड़ (Tectona grandis): सागौन की लकड़ी की गुणवत्ता के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यह पेड़ छत्तीसगढ़ के जंगलों में भी पाया जाता है।
महुआ का पेड़ (Madhuca indica): महुआ का पेड़ एक बहुउद्देशीय पेड़ है। इसके फूलों का उपयोग शराब बनाने और खाद्य पदार्थों में किया जाता है, जबकि इसके बीजों का तेल निकाला जाता है।
बांस का पेड़ (Bambusa arundinacea): बांस एक तेजी से बढ़ने वाला पेड़ है, जिसका उपयोग निर्माण कार्य, फर्नीचर और अन्य उत्पादों में किया जाता है।
नीम का पेड़ (Azadirachta indica): नीम का पेड़ औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। इसके पत्तों, छाल और बीजों का उपयोग विभिन्न बीमारियों के इलाज में किया जाता है।
पीपल का पेड़ (Ficus religiosa): पीपल का पेड़ धार्मिक महत्व का है। यह एक विशाल और दीर्घायु पेड़ है, जिसकी जड़ें हवा में लटकती हैं।
बरगद का पेड़ (Ficus benghalensis): बरगद का पेड़ भी धार्मिक महत्व का है। यह एक विशाल और दीर्घायु पेड़ है, जिसकी जड़ें हवा में लटकती हैं।
जामुन का पेड़ (Syzygium cumini): जामुन का पेड़ मीठे और खट्टे फलों के लिए जाना जाता है। इसके फलों का उपयोग जूस, जैम और जेली बनाने में किया जाता है।
आम का पेड़ (Mangifera indica): आम का पेड़ भारत का राष्ट्रीय फल है। यह एक मीठा और रसदार फल है, जिसका उपयोग ताजा खाने, जूस बनाने और अचार बनाने में किया जाता है।
यूकेलिप्टस का पेड़ (Eucalyptus spp.): यूकेलिप्टस का पेड़ तेजी से बढ़ने वाला पेड़ है, जिसका उपयोग कागज बनाने और फर्नीचर बनाने में किया जाता है।
अकासिया का पेड़ (Acacia spp.): अकासिया का पेड़ एक कठोर और टिकाऊ लकड़ी वाला पेड़ है। इसका उपयोग फर्नीचर, निर्माण कार्य और ईंधन के रूप में किया जाता है।
ताड़ का पेड़ (Phoenix dactylifera): ताड़ का पेड़ मीठे और रसदार फलों के लिए जाना जाता है। इसके फलों का उपयोग ताजा खाने, जूस बनाने और खजूर बनाने में किया जाता है।
कैसुरीना का पेड़ (Casuarina equisetifolia): कैसुरीना का पेड़ एक तेजी से बढ़ने वाला पेड़ है, जिसका उपयोग लकड़ी के कोयले के उत्पादन और तटीय क्षेत्रों में बाढ़ नियंत्रण के लिए किया जाता है।
अर्जुन का पेड़ (Terminalia arjuna): अर्जुन का पेड़ औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। इसकी छाल का उपयोग हृदय रोगों के इलाज में किया जाता है।
बेल का पेड़ (Aegle marmelos): बेल का पेड़ धार्मिक महत्व का है। इसके फलों का उपयोग औषधीय और खाद्य पदार्थों में किया जाता है।
कदम का पेड़ (Anthocephalus cadamba): कदम का पेड़ सुगंधित फूलों के लिए जाना जाता है। इसकी लकड़ी का उपयोग फर्नीचर और निर्माण कार्य में किया जाता है।
खेजड़ी का पेड़ (Prosopis cineraria): खेजड़ी का पेड़ रेगिस्तानी क्षेत्रों में पाया जाता है। यह एक कठोर और टिकाऊ पेड़ है, जिसका उपयोग ईंधन और चारे के रूप में किया जाता है।
रोहिड़ा का पेड़ (Tecoma undulata): रोहिड़ा का पेड़ सुंदर पीले फूलों के लिए जाना जाता है। इसकी लकड़ी का उपयोग फर्नीचर और निर्माण कार्य में किया जाता है।
अमलतास का पेड़ (Cassia fistula): अमलतास का पेड़ सुंदर पीले फूलों के लिए जाना जाता है। इसके फूलों का उपयोग औषधीय और सजावटी उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
शीशम का पेड़ (Dalbergia sissoo): शीशम का पेड़ मजबूत और टिकाऊ लकड़ी के लिए जाना जाता है। इसकी लकड़ी का उपयोग फर्नीचर, निर्माण कार्य और संगीत वाद्ययंत्र बनाने में किया जाता है।