छत्तीसगढ़

राजिम कुंभ कल्प में 12 साल का नागा बाबा चर्चा का विषय,जानिए किस कठिन प्रकिया से बनते है नागा

गरियाबंद, 20 फरवरी 2025। Rajim Kumbh Kalpa 2025: राजिम कुंभ कल्प मेले में इस बार एक दिलचस्प दृश्य देखने को मिला, जब 12 साल का बालक नागा साधु बनकर श्रद्धालुओं के बीच पहुंचा। इस छोटे से नागा बाबा का नाम देवागिरी महाराज है, और वह जूना अखाड़ा के 13 मणि जगरामा परिवार में शामिल हुए हैं। नारसिंगपुर जिले का रहने वाला यह बालक कक्षा छटवीं तक पढ़ाई कर चुका है और अब उसने नागा साधु बनने का संकल्प लिया है।

नागा बनने की कठिन प्रक्रिया

नागा बाबा बनने का मार्ग आसान नहीं होता। देवागिरी महाराज की इस यात्रा की शुरुआत अभी एक प्रारंभिक स्थिति से हुई है। इसके लिए उन्हें कई सालों तक कठिन परीक्षा और परीक्षणों से गुजरना होगा। इन वर्षों में वह नागा साधु बनने के लिए पूरी तरह से तैयार होंगे, और विधिवत दीक्षा के बाद ही वह पूरी तरह से नागा साधु के रूप में पहचान पाएंगे।

नागा साधु बनने के लिए प्रक्रिया बहुत कड़ी और अनुशासनपूर्ण होती है। इसके लिए सबसे पहले अखाड़े में सेवा करनी होती है। इस दौरान अखाड़ा, साधु के पारिवारिक पृष्ठभूमि और इतिहास की पूरी जानकारी इकट्ठा करता है। इसके बाद, आवेदक को गृहस्थ जीवन से कोई संबंध न होने की शर्त पूरी करनी होती है।

दीक्षा प्रक्रिया और पिंडदान

नागा बनने की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम दीक्षा होती है, जो किसी कुंभ मेले में दी जाती है। इस दीक्षा में आवेदक को पिंडदान करना पड़ता है। पिंडदान के बाद, वह नए नाम के साथ अखाड़े में प्रवेश करता है और नागा साधु के जीवन की शुरुआत होती है।

इस छोटे उम्र में नागा बनने की प्रक्रिया और देवागिरी महाराज का संकल्प चर्चा का विषय बना हुआ है। श्रद्धालु भी यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि इतनी कम उम्र में वह कठोर नियमों और विधियों को कैसे पालन करेंगे।

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