पिछले दो महीने से लापता चीन के सबसे अमीर कारोबारियों में शुमार अलीबाबा ग्रुप के मालिक जैक मा दुनिया के सामने आ गए हैं। अलीबाबा समूह पर चीनी शिकंजे के बाद से ही जैक मा लापता थे, जिसके बाद अटकलों का बाजार गर्म था कि चीनी सरकार ने उन्हें नजरबंद कर दिया है। मगर 20 जनवरी यानी बुधवार को एक वीडियो लिंक के जरिए ग्रामीण शिक्षकों के लिए एक सामाजिक कल्याण कार्यक्रम के दौरान वह पहली बार वर्चुअली दिखाई दिए। चीनी नियामक द्वारा अलीबाबा और एंट समूह पर शिकंजा कसने की कार्रवाई के बाद पहली बार जैक मा सार्वजनिक तौर पर सामने प्रकट हुए हैं।
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, अलीबाबा के संस्थापक जैक मा रूरल टीचर्स अवार्ड समारोह में शामिल हुए जो कि जैक मा फाउंडेशन द्वारा 2015 में शुरू किया गया था। इस वार्षिक कार्यक्रम में वीडियो के माध्यम से उन्होंने देशभर (चीन) के 100 ग्रामीण शिक्षकों के साथ मुलाकात की और वर्चुअल संवाद के दौरान उन्होंने कहा कि जब कोरोना महामारी खत्म हो जाएगी तब हम फिर मिलेंगे।
दरअसल, शंघाई और हांगकांग में एंट की योजनाबद्ध दोहरी सूची से ठीक पहले चीनी वित्तीय नियामकों द्वारा 2 नवंबर को एंट मैनेजमेंट को समन जारी किया गया था। पिछले साल नवंबर में चीनी अधिकारियों ने जैक को बड़ा झटका देते हुए उनके एंट ग्रुप के 37 अरब डॉलर के आईपीओ को निलंबित कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस एक्शन के बाद जैक मा से कहा गया कि अलीबाबा ग्रुप के खिलाफ चल रही जांच पूरी होने तक चीन से बाहर न जाएं। इसके बाद से ही जैक मा सार्वजनिक दुनिया से गायब थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जैक मा ने चीन के वित्तीय नियामकों और सरकारी बैंकों की पिछले साल अक्टूबर में दिए गए भाषण की आलोचना की थी। इसी आलोचना के बाद उनका और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ विवाद भी हुआ और इस विवाद के बाद से वो लगभग दो महीने से नजर नहीं आए।
क्या है पूरा मामला
चीन की सरकार अलीबाबा ग्रुप पर मोनोपोली यानी एकाधिकार के गलत इस्तेमाल को लेकर तहकीकात कर रही है। अलीबाबा ने कहा था कि उन्हें एसएएमआर (SAMR) के जरिए एंट ग्रुप (Ant Group) को भी नोटिस भी भेजा गया है। यह जैक-मा की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा डॉट कॉम और फिनटेक एंपायर के लिए बहुत बड़ा झटका मना गया।
अलीबाबा और एन्ट ग्रुप पर कार्रवाई हुई शुरू
चीन ने जैक मा की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा और उसकी वित्तीय कारोबार की शाखा एन्ट ग्रुप पर कार्रवाई शुरू की है। इस कार्रवाई को लेकर दुनिया भर में कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं, चीन के मार्केट रेगुलेटर का कहना है कि उसने अलीबाबा के खिलाफ बाजार पर एकाधिकार कायम करने संबंधी कोशिशों को लेकर यह कार्रवाई शुरू की है। चीन सरकार की कार्रवाई से कंपनियों में ऐसा खौफ समाया है कि महज दो ही दिन में चीन की बड़ी कंपनियों को करीब 15 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया है। कुछ समय पहले जानकारों का मानना है कि यह बदले में की गई कार्रवाई ज्यादा लगती है।