छत्तीसगढ़

Skywalk in Raipur: 7 साल बाद पूरा होगा रायपुर के स्काईवॉक का निर्माण, 37 करोड़ की मिली नई मंजूरी, PWD ने जारी किया नोटिफिकेशन

रायपुर: Skywalk in Raipur: राजधानी रायपुर का स्काईवॉक प्रोजेक्ट, जो बीते 7 सालों से अधर में लटका हुआ था, अब एक बार फिर से पटरी पर लौटता दिख रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए ₹37.75 करोड़ की लागत को मंजूरी दे दी है। यह स्काईवॉक न केवल रायपुर की सड़कों से ट्रैफिक का दबाव कम करेगा, बल्कि शहरवासियों को एक आधुनिक यातायात सुविधा भी देगा।

किसने लिया स्काईवॉक का जिम्मा?

इस प्रोजेक्ट के लिए दो कंपनियों ने निविदा प्रक्रिया में भाग लिया था, लेकिन रायपुर स्थित PSA कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. को यह काम सौंपा गया है। लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा जारी निविदा नोटिफिकेशन के अनुसार, PSA कंपनी ने अनुमानित लागत ₹31.41 करोड़ से 20.17% अधिक राशि यानी ₹37,75,70,682 पर बोली लगाई, जिसे शासन की मंजूरी मिल गई है।

स्काईवॉक निर्माण की प्रमुख बातें

बिंदुविवरण
प्रोजेक्ट नामरायपुर स्काईवॉक प्रोजेक्ट
कुल स्वीकृत लागत₹37,75,70,682 (₹37.75 करोड़)
निर्माण एजेंसीPSA Construction Pvt. Ltd., Raipur
जिम्मेदार विभागछत्तीसगढ़ लोक निर्माण विभाग (PWD)
मूल स्वीकृति वर्ष2017 (डॉ. रमन सिंह सरकार में)
प्रोजेक्ट पर रोक2019 (भूपेश बघेल सरकार में)
दोबारा मंजूरी2025 (साय सरकार द्वारा)
अनुमानित लाभट्रैफिक नियंत्रण, पैदल यात्रियों की सुविधा, स्मार्ट सिटी की दिशा में कदम

निर्माण को लेकर जारी किए गए दिशा-निर्देश

  • कार्य पूर्व स्वीकृत ड्राइंग और डिजाइन के अनुसार ही पूरा किया जाएगा।
  • गुणवत्ता पर विशेष निगरानी रखी जाएगी और काम को तय समय में पूरा करने के निर्देश हैं।
  • यह कार्य किसी अन्य ठेकेदार को सबलेट नहीं किया जा सकता, न ही पावर ऑफ अटॉर्नी दी जा सकती है।
  • सभी नॉन-SOR मदों की दरों का विश्लेषण कर अनुमोदन अनिवार्य होगा।
  • कार्य केवल अनुबंध और बजट सीमा के भीतर ही किया जाएगा।

2017 से अब तक की पूरी कहानी

वर्षघटनाक्रम
2017पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में स्काईवॉक प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिली।
2019कांग्रेस सरकार ने आते ही प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी। उस समय तक 70% कार्य पूरा हो चुका था।
2019-2024सुझाव समिति का गठन हुआ लेकिन ठोस निर्णय नहीं लिया गया।
2025नई सरकार ने पुराने प्रारूप पर ही प्रोजेक्ट को दोबारा शुरू करने की मंजूरी दी।

क्या-क्या हुआ था 8 सालों में?

इस प्रोजेक्ट के अटकने के बाद सुझाव समिति ने इसे लेकर तरह-तरह के प्रयोग किए। स्काईवॉक के पिलर पर वर्टिकल गार्डन, पेंटिंग्स आदि लगाए गए, लेकिन इनसे प्रोजेक्ट की मूल समस्या का समाधान नहीं हुआ। लंबे समय तक निर्माण बंद रहने से स्काईवॉक के कई हिस्से कमजोर हो गए, कुछ हिस्सों से पुर्जे भी गिरने लगे।

देखें आदेश-

अब क्या उम्मीद की जा रही है?

साय सरकार की मंजूरी के बाद उम्मीद की जा रही है कि PSA कंस्ट्रक्शन इस प्रोजेक्ट को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा करेगी। रायपुरवासियों को जल्द ही यह बहुप्रतीक्षित स्काईवॉक मिल सकता है, जिससे ट्रैफिक की समस्या में भी कुछ हद तक राहत मिलेगी।

रायपुर का स्काईवॉक प्रोजेक्ट एक बार फिर से ट्रैक पर लौट आया है। सरकार की मंजूरी और नई ऊर्जा के साथ यह अधूरा सपना अब पूरा हो सकता है। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और स्मार्ट सिटी मिशन के लिए यह प्रोजेक्ट अहम साबित हो सकता है।

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