बस्तर के विकास के लिए बनेगा नया रोडमैप, CM विष्णुदेव साय 15-16 अप्रैल को लेंगे बड़ी बैठकें, विकास के चार फोकस पॉइंट्स तय

रायपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर को अब सिर्फ नक्शे पर नहीं, विकास के पथ पर भी तेज़ी से आगे बढ़ाया जाएगा। प्रदेश सरकार एक ऐसे रोडमैप की तैयारी में है, जो न सिर्फ बस्तर को विकास की रफ्तार देगा, बल्कि नक्सल मुक्त भारत के सपने को भी मजबूत करेगा। बस्तर को लेकर ये गंभीर मंथन अब टेबल पर होने जा रहा है। खुद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 15 और 16 अप्रैल को जगदलपुर में आला अधिकारियों और ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे लोगों के साथ सीधी बातचीत करेंगे।
किस मुद्दे पर होगी चर्चा? चार फोकस पॉइंट्स तय
15 अप्रैल को CM साय बस्तर में तैनात अधिकारियों और स्टेकहोल्डर्स के साथ चार प्रमुख विषयों पर फोकस्ड डिस्कशन करेंगे:
- कृषि, पशुपालन और मछली पालन जैसे ग्रामीण आजीविका से जुड़े विषय
- औद्योगिकीकरण और स्थानीय रोजगार के अवसर
- पर्यटन को बढ़ावा देना, जिससे बस्तर की खूबसूरती दुनिया तक पहुंचे
- कौशल विकास, ताकि यहां के युवा दूसरे इलाकों में जाकर भी पहचान बना सकें
हर एक विषय पर करीब एक घंटे की विस्तृत चर्चा होगी, यानी गहराई से बात होगी, सिर्फ फॉर्मेलिटी नहीं।
16 अप्रैल को होगी योजनाओं की समीक्षा बैठक
अगले दिन यानी 16 अप्रैल को मुख्यमंत्री साय बस्तर संभाग के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत CEO, और वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसमें बस्तर के ज़मीनी हालात और वर्तमान योजनाओं की समीक्षा की जाएगी।
सीएम सचिवालय ने भेजा निर्देश, तैयारी शुरू
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह ने कृषि, उद्योग, पर्यटन और कौशल विकास विभाग के सचिवों को निर्देश जारी कर दिए हैं। साथ ही बस्तर संभाग के कमिश्नर और सभी कलेक्टरों को बैठक की तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने साफ कहा है – बस्तर को लेकर जो सोच है, वह सिर्फ कागज़ों तक सीमित न रहे, अब वक्त है उसे ज़मीन पर उतारने का। इसके लिए सभी जिलों का विकास रोडमैप बनाया जाएगा।
‘नवा अंजोर’ विज़न @2047 डॉक्यूमेंट भी रहेगा आधार
बस्तर के भविष्य की रूपरेखा तैयार करते वक्त पहले से बने ‘नवा अंजोर’ विज़न @2047 दस्तावेज़ का भी उपयोग किया जाएगा। इसमें जो भी अच्छे पॉइंट्स और विचार शामिल हैं, उन्हें नई योजना में भी समाहित किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने यह भी कहा है कि हर विभाग का सचिव इस बैठक का कोऑर्डिनेटर होगा और वह बस्तर के संभागीय आयुक्त के साथ मिलकर सभी जरूरी स्टेकहोल्डर्स को चर्चा में बुलाएगा।
अब सिर्फ बात नहीं, बस्तर में बदलाव की शुरुआत
बस्तर लंबे समय से विकास के वादों और नक्सल के नाम पर सुर्खियों में रहा है। लेकिन इस बार जो योजना बन रही है, उसमें नींव से लेकर छत तक की तैयारी दिख रही है। अब देखना होगा कि ये चर्चाएं कितनी ज़मीन पर उतरती हैं और बस्तर वाकई एक नवा अंजोर (नई रोशनी) की ओर बढ़ता है या फिर वही पुराना ढर्रा चलता रहेगा।