गंगरेल बांध के पानी के अंदर खोज रहे थे वह युवक मिला दिल्ली में, पुलिस को कर रहा था गुमराह – इस वजह से किया गायब होने का ड्रामा

धमतरी: गंगरेल बांध से एक युवक के रहस्यमयी तरीके से गायब होने की खबर ने जब पूरे इलाके को हिला दिया था, तब किसी ने नहीं सोचा था कि इसकी असलियत कुछ और ही निकलेगी। कवर्धा के हेमंत चंद्रवंशी के लापता होने के बाद पुलिस से लेकर गोताखोरों तक की टीमें बांध के पानी में उसे ढूंढ रही थीं। लेकिन अब जो खुलासा हुआ है, उसने सभी को चौंका दिया। युवक न तो डूबा था, न ही लापता — बल्कि वो दिल्ली पहुंच चुका था। वजह थी आर्थिक तंगी और निजी परेशानियों से भागने की कोशिश।

25 मई को हुआ था लापता, गोताखोर और अंडरवॉटर कैमरा तक लगाए गए

24 मई को हेमंत चंद्रवंशी अपने एक कर्मचारी के साथ गंगरेल बांध स्थित रिसॉर्ट में रुका था। अगले दिन यानी 25 मई की सुबह वह अंगारमोती मंदिर के पीछे नहाने गया। वहां उसने अपने कर्मचारी को ब्रश लाने भेजा और खुद गायब हो गया। कपड़े, चप्पल और मोबाइल वहीं छोड़ दिए गए थे, जिससे यह जताया गया कि वह नहाते वक्त पानी में डूब गया।

परेशान कर्मचारी ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। रूद्री थाना पुलिस ने गोताखोर बुलाए, अंडरवॉटर कैमरे लगाए गए, घंटों तलाशी ली गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इस दौरान परिवार वाले भी कवर्धा से गंगरेल पहुंच चुके थे।

पुलिस को पहले से था शक, तकनीकी जांच से खुला राज़

धमतरी के पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार ने बताया कि पूरी घटना पर पुलिस को शुरू से ही शक था। नहाने के दौरान मंदिर दर्शन की बात, मोबाइल छोड़ना और अचानक गायब हो जाना – ये सब कुछ असामान्य लग रहा था। पुलिस ने फिर हेमंत के दूसरे मोबाइल नंबर को ट्रेस किया, जिससे असली लोकेशन का पता चला।

जांच में सामने आया कि हेमंत दिल्ली में है और उसने अपने परिवार से वहां से संपर्क भी किया था। पुलिस ने वीडियो कॉल के माध्यम से इस बात की पुष्टि की।

आर्थिक तंगी और निजी कारण बने वजह

प्राथमिक जानकारी में सामने आया है कि हेमंत आर्थिक तंगी और घरेलू तनाव के चलते परेशान था, इसलिए उसने खुद को गायब दिखाने का नाटक रचा। पुलिस अब जल्द ही हेमंत का बयान लेगी और जांच आगे बढ़ाएगी।

सर्च ऑपरेशन पर उठे सवाल, बर्बाद हुआ संसाधन

इस घटनाक्रम ने पुलिस और बचाव दल की मेहनत और संसाधनों पर सवाल खड़ा कर दिया है। घंटों चले सर्च ऑपरेशन में गोताखोरों की टीम, कैमरे और मानव संसाधन झोंके गए, जबकि असलियत में युवक कहीं और भाग चुका था।

गुमशुदगी के नाम पर खुद को ‘डुबोने’ की ये स्क्रिप्ट तो तैयार थी, लेकिन पुलिस की तेज़ जांच ने पर्दाफाश कर दिया। यह मामला एक चेतावनी भी है कि झूठी सूचना देना सिर्फ संसाधनों की बर्बादी नहीं, बल्कि कानूनी कार्रवाई को भी न्योता देना ह

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