Naxal Free Jagdalpur: नक्सल मुक्त जिलों की ओर बड़ा कदम: LWE सूची से बाहर हुआ जगदलपुर, जानें क्या है इसके मायने?

Naxal Free Jagdalpur: देश को नक्सलवाद से मुक्त करने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम बढ़ाया है। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले को अब लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिज्म (LWE) यानी वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की सूची से बाहर कर दिया गया है। यह फैसला केंद्र की रणनीति में एक अहम बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।

क्या है इसका मतलब?

अब जगदलपुर को उन जिलों में गिना जाएगा जो सामान्य प्रशासनिक और विकास योजनाओं के दायरे में होंगे। हालांकि, इसके साथ ही इस जिले को अब तक LWE के तहत मिलने वाली विशेष फंडिंग भी अप्रैल 2025 से बंद कर दी गई है।

इसका सीधा असर जिले की कुछ विकास योजनाओं पर जरूर पड़ सकता है, लेकिन प्रशासन का दावा है कि विकास की रफ्तार नहीं थमेगी।

बस्तर में बदल रहा है माहौल

बस्तर संभाग के कुल सात जिलों में से अब दो — जगदलपुर और कोंडागांव — को नक्सल मुक्त घोषित कर दिया गया है। इसके अलावा राजनांदगांव, कवर्धा और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई को भी LWE लिस्ट से बाहर किया जा चुका है। इस बदलाव के बाद साफ है कि बस्तर धीरे-धीरे नक्सली छाया से बाहर निकलता जा रहा है और शांति की ओर बढ़ रहा है।

कब-कैसे बदला जगदलपुर?

कुछ साल पहले तक जगदलपुर के दरभा, कोलेंग, माचकोट, तुलसीडोंगरी, मारडूम, तिरिया और ककनार जैसे इलाकों में नक्सली प्रभाव साफ दिखता था।

लेकिन अब यहां CRPF और पुलिस कैंप बनने के बाद सुरक्षा की स्थिति काफी बेहतर हुई है। ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है और अब यहां स्कूल, सड़क और स्वास्थ्य जैसे मूलभूत ढांचे की बहाली की जा रही है।

क्या है सरकार की योजना?

केंद्र सरकार ने साल 2026 तक देश को पूरी तरह नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत जिन जिलों में अब नक्सली घटनाएं नहीं हो रही हैं, उन्हें LWE सूची से हटाया जा रहा है।

हालांकि, गृह मंत्रालय की ओर से अभी तक इस फैसले को लेकर कोई आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं की गई है, लेकिन फंडिंग रोकने का संकेत इस ओर इशारा करता है कि नीति में बदलाव हो चुका है।

फंडिंग रुकी, लेकिन उम्मीद नहीं

LWE लिस्ट से बाहर होते ही विकास के नाम पर मिलने वाली विशेष आर्थिक सहायता बंद कर दी गई है। ये फंड अब तक नक्सल उन्मूलन, सड़क निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए दिया जाता था।

हालांकि राज्य सरकार ने कहा है कि स्थानीय विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी, और सामान्य बजट से ही योजनाएं आगे बढ़ाई जाएंगी।

बस्तर के लिए ये नई सुबह है!

जगदलपुर का LWE सूची से बाहर आना सिर्फ एक प्रशासनिक फैसला नहीं, बल्कि बस्तर के बदलते हालात का प्रमाण है। अब जरूरत है कि इस बदलाव को विकास, शिक्षा और रोजगार के नए अवसरों में बदला जाए। क्योंकि असली जीत तब होगी जब बस्तर का हर गांव, हर युवा नक्सलवाद नहीं, विकास की बात करेगा।

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Ravi Pratap Pandey

रवि पिछले 7 वर्षों से छत्तीसगढ़ में सक्रिय पत्रकार हैं। उन्होंने राज्य के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर गहराई से रिपोर्टिंग की है। जमीनी हकीकत को उजागर करने और आम जनता की आवाज़ को मंच देने के लिए वे लगातार लेखन और रिपोर्टिंग करते रहे हैं।

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