CG Teacher Union Protest: शिक्षकों का बजा बिगुल: 1 जुलाई को ब्लॉक स्तर पर धरना, 5 सितंबर को रायपुर में होगा प्रदेश स्तरीय बड़ा प्रदर्शन

CG Teacher Union Protest: 2008 से अब तक सेटअप में की गई छेड़छाड़ और 46 हजार से ज़्यादा शिक्षकों के पदों की कटौती से नाराज़ शिक्षक साझा मंच ने अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। प्रदेशभर में पहले ज़िला और संभाग स्तर पर हुए आंदोलनों के बाद अब यह आंदोलन प्रदेश स्तर तक पहुंच चुका है। 14 जून को हुई ऑनलाइन समीक्षा बैठक में आंदोलन की अगली रणनीति तय कर दी गई है। जिसकी शुरुआत आज से सभी शिक्षकों को काली पट्टी लगाकर स्कूल जाने का निर्देश दिया है, ताकि सरकार की नीतियों का विरोध किया जा सके। 

शिक्षक दिवस नहीं, संघर्ष दिवस, 5 सितंबर को रायपुर में होगा बड़ा प्रदर्शन

CG Teacher Rationalization Update: शिक्षक साझा मंच के प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने साफ शब्दों में एलान कर दिया है—इस बार शिक्षक दिवस सिर्फ समारोह नहीं, बल्कि संघर्ष का प्रतीक होगा। उन्होंने सभी शिक्षकों से रायपुर पहुंचकर एकजुट होने की अपील की है। मंच के अन्य संचालकों ने भी सर्वसम्मति से इस आंदोलन को सफल बनाने का संकल्प लिया है।

आंदोलन की रूपरेखा – चरणबद्ध विरोध

1. काली पट्टी से शुरुआत (16 जून – 30 जून):
सभी शिक्षक अपने-अपने स्कूलों में काली पट्टी पहनकर शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराएंगे।

2. पालक संवाद (16 – 20 जून):
शिक्षक युक्तियुक्तकरण की विसंगतियों और पद कटौती की जानकारी पालकों को देंगे, ताकि उन्हें इस लड़ाई का मकसद पता चले और समर्थन मिल सके।

3. डीपीआई व शिक्षा सचिव को आवेदन:
प्रभावित शिक्षक व्यक्तिगत रूप से या डाक के माध्यम से आवेदन देंगे और उसकी एक प्रति अपने ब्लॉक, जिला, संभाग या प्रदेश स्तर के साझा मंच पदाधिकारियों को भी देंगे।

4. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र (20 जून):
सभी पीड़ित शिक्षक डाक के ज़रिए मुख्य न्यायाधीश को अपनी बात पहुंचाएंगे।

5. प्रधानमंत्री को मांग पत्र (30 जून):
शिक्षक पीएम के नाम मांग पत्र भेजेंगे, जिसमें युक्तियुक्तकरण की खामियों और पदों की बहाली की मांग होगी।

6. ब्लॉक स्तर पर धरना (1 जुलाई):
राज्य के 146 ब्लॉक मुख्यालयों में स्कूलों का बहिष्कार कर एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

7. रायपुर चलो – अंतिम हुंकार (5 सितंबर):
शिक्षक दिवस के दिन रायपुर में बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। यह सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि अपने अस्तित्व की लड़ाई होगी।

कौन-कौन हैं मैदान में

CG Teacher Yuktiyuktkaran: इस आंदोलन को नेतृत्व करने वाले प्रमुख नामों में शामिल हैं—
संजय शर्मा, मनीष मिश्रा, वीरेन्द्र दुबे, केदार जैन, कृष्ण कुमार नवरंग, विकास सिंह राजपूत, राजनारायण द्विवेदी, शंकर साहू, जाकेश साहू, भूपेंद्र सिंह बनाफर, अनिल टोप्पो, कमल दास मुरचुले, विक्रम राय, धरम बंजारे, डॉ. भूपेन्द्र गिलहरे, चेतन दास बघेल, विष्णु प्रसाद साहू, प्रीतम कोशले, गिरीश केशकर, प्रदीप कुमार पाण्डेय, राजकिशोर तिवारी, प्रदीप लहरे, और लैलुन कुमार भारद्वाज।

शिक्षक अब केवल पढ़ा नहीं रहे, बल्कि अपने हक की लड़ाई भी लड़ रहे हैं। सरकार को अब यह समझना होगा कि जो लोग भविष्य बनाते हैं, उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। 1 जुलाई और 5 सितंबर की तारीखें इस आंदोलन के इतिहास में दर्ज होने जा रही हैं।

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Ravi Pratap Pandey

रवि पिछले 7 वर्षों से छत्तीसगढ़ में सक्रिय पत्रकार हैं। उन्होंने राज्य के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर गहराई से रिपोर्टिंग की है। जमीनी हकीकत को उजागर करने और आम जनता की आवाज़ को मंच देने के लिए वे लगातार लेखन और रिपोर्टिंग करते रहे हैं।

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