National Mango Festival Raipur: रायपुर में आमों का मेला, आकर्षण का केंद्र रहा मियाजाकी आम, कीमत 3.45 लाख रुपए! जापान से आया ‘आमों का राजा’

National Mango Festival Raipur: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में इन दिनों आम की खुशबू और स्वाद हर कोने में बिखरा है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और राज्य सरकार की ओर से आयोजित राष्ट्रीय आम महोत्सव में देश-विदेश से आम की दुर्लभ किस्में पहुंची हैं। लेकिन महफिल लूट रहा है जापान से आया ‘मियाजाकी आम’, जिसकी कीमत जानकर किसी के भी होश उड़ जाएं—एक आम की कीमत 3 लाख 45 हजार रुपए!

Mango worth 3 Lakh

रिटायर्ड अफसर ने उगाया करोड़ों का फल

मियाजाकी आम कोई आयातित फल नहीं है, बल्कि इसे छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के कमलपुर गांव में उगाया गया है। कोल इंडिया के रिटायर्ड जनरल मैनेजर राजेंद्र प्रसाद गुप्ता के फार्म में यह खास किस्म तैयार की गई है। गुप्ता ने बताया कि उन्होंने जापानी, अफगानी और थाई वैरायटी के आम शौकिया तौर पर लगाए हैं।

इस महंगे आम की सुरक्षा भी बेहद कड़ी है—फार्म में CCTV कैमरे लगे हैं और दो एलशेसियन नस्ल के खूंखार डॉग्स इसकी रखवाली करते हैं। आम की कीमत और सुरक्षा व्यवस्था को देखकर लोग हैरान हैं।

विदेशों से आईं आमों की दुर्लभ वैरायटी

Raipur Mango festival Varities

इस फेस्टिवल में जापान के अलावा अफगानिस्तान, पाकिस्तान, थाईलैंड और फिलिपींस से आईं आमों की वैरायटी ने दर्शकों को खूब आकर्षित किया। वहीं छत्तीसगढ़ के बस्तर जंगलों में मिलने वाले देसी छोटे आमों ने भी अपनी अलग पहचान बनाई।

‘हूर पाकिस्तानी’ नाम को लेकर विवाद

Hoor Pakistani Mango

फेस्टिवल में एक आम को ‘हूर पाकिस्तानी’ नाम दिया गया था, जिसका मतलब है “पाकिस्तान की अप्सरा”। लेकिन इस नाम को लेकर विवाद हुआ और आयोजकों को नेमप्लेट हटानी पड़ी। आम लाने वाली संस्था के प्रतिनिधि ने बताया कि नामकरण में भ्रम के कारण यह कदम उठाना पड़ा।

सिंधू आम: छोटी गुठली वाला स्वादिष्ट फल

फेस्टिवल में ‘सिंधू’ वैरायटी को भी खूब सराहा गया। यह पाकिस्तान के सिंध इलाके की किस्म मानी जाती है, लेकिन इसे भारत की नस्ल में भी शामिल किया गया है। खास बात यह है कि इसमें गुठली बेहद छोटी होती है, यानी इसे सीडलेस आम की कैटेगरी में रखा जा सकता है।

2000 किस्में, 450 किसान और 56 आम के व्यंजन

Mangoes Exhibition

आम महोत्सव में इस बार देशभर से 450 से ज्यादा किसानों ने हिस्सा लिया है और 2000 से ज्यादा किस्मों के आम प्रदर्शित किए हैं। आम प्रेमियों के लिए खास आकर्षण रहा आम से बने 56 तरह के व्यंजन, जिनमें आम की खीर से लेकर आइसक्रीम तक शामिल है।

मुख्यमंत्री ने उठाया ‘हाथीझुल’ आम

CM Sai picked up the biggest Hathijhul mango

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शनिवार को महोत्सव का दौरा किया और बीजापुर की प्रसिद्ध वैरायटी ‘हाथीझुल’ आम को हाथ में लेकर फोटो खिंचवाई। इस किस्म के आम का वजन 2 से 4 किलो तक होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम की इतनी दुर्लभ प्रजातियां देखकर वह दंग रह गए।

किसानों को मिलेगा मंच, आमों को पहचान

महोत्सव की अध्यक्षता कर रहे इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि इस आयोजन का मकसद आम की दुर्लभ और देसी किस्मों को आम लोगों तक पहुंचाना है। उन्होंने बताया कि यहां किसान न सिर्फ आमों की प्रदर्शनी कर रहे हैं, बल्कि विक्रय भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री को प्राकृतिक रूप से पके आमों की टोकरी भेंट की गई।

आम का मौसम है और रायपुर में इसका जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। चाहे जापान का मियाजाकी हो या बस्तर का देसी आम, हर किस्म ने अपनी मिठास से दिल जीत लिया है। अगली बार अगर कोई पूछे कि ‘फल का राजा’ कौन है, तो बस रायपुर के मैंगो फेस्ट की ये कहानियां याद आ जाएंगी।


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Ravi Pratap Pandey

रवि पिछले 7 वर्षों से छत्तीसगढ़ में सक्रिय पत्रकार हैं। उन्होंने राज्य के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर गहराई से रिपोर्टिंग की है। जमीनी हकीकत को उजागर करने और आम जनता की आवाज़ को मंच देने के लिए वे लगातार लेखन और रिपोर्टिंग करते रहे हैं।

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