शिक्षा

स्पेशल एजुकेशन: छत्तीसगढ़ में पहली बार स्पेशल एजुकेशन में एमएड और पीजी डिप्लोमा कोर्स; शुरुआत 22 सीटों के साथ

छत्तीसगढ़ में पहली बार स्पेशल एजुकेशन पर दो नए कोर्स शुरू होने जा रहे हैं। इसमें शिक्षकों के लिए बौद्धिक अक्षमता पर एमएड और शीघ्र हस्तक्षेप में पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा (पीजीडीईआई) शामिल है। इन कोर्स के जरिए स्पेशल बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षकों को तैयार किया जाएगा। इसकी शुरुआत आकांक्षा लायन्स इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निंग एण्ड एम्पावरमेन्ट के स्पेशल टीचर ट्रेनिंग सेंटर में इसी सत्र से हो रही है।

संस्थान की डायरेक्टर साधना नायक ने बताया, इन पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार तैयार किया गया है। एमएड बौद्रिक अक्षमता, दो वर्षीय कोर्स है। सत्र 2024-25 से इसमें 10 सीटें होंगी। कोर्स के लिए बौद्धिक अक्षमता में बीएड या डीएड या सामान्य बीएड पास छात्र पात्र हैं। इसमें छात्रों के लिए दिव्यांग बच्चों और सामान्य बच्चों के प्रशिक्षण को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम को बनाया गया है।

इसी तरह और शीघ्र हस्तक्षेप में पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा (पीजीडीईआई), केवल एक साल का कोर्स है। इसमें 12 सीटें हैं। यह कोर्स में दिव्यांग शिशुओं और छोटे बच्चो को समझने और उनके इलाज के लिए बनाया गया है। इससे उनका मार्गदर्शन और उपचार किया जा सकेगा। पीजीडीईआई के लिए 35 साल से कम उम्र के छात्र आवेदन कर सकते हैं। साथ ही एमबीबीएस या एमडी या एमएस होना जरूरी है। दोनों कोर्स के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है।

इन कोर्स के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर के रुप में नियुक्ति, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक बनने का अवसर मिल सकेगा।

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