CG DMF Scam Update: DMF घोटाले में 6000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल, रानू साहू–सौम्या चौरसिया समेत 9 पर आरोप, EOW का बड़ा खुलासा

CG DMF Scam Update: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर सत्ता और सिस्टम की गठजोड़ वाली तस्वीर सामने आई है। DMF घोटाले District Mineral Foundation Scam में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए विशेष अदालत में करीब 6000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में पूर्व IAS अधिकारी रानू साहू, पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया, और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी समेत 9 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी आरोपी अदालत में पेश

IAS Officer Scam: EOW ने अदालत को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए चार्जशीट सौंपी और सभी आरोपियों को पेश भी कराया गया। एजेंसी का दावा है कि उनके पास ठोस सबूत और गवाहों के बयान मौजूद हैं, जिनके आधार पर इन सभी पर DMF फंड के गलत इस्तेमाल और करोड़ों के घोटाले का आरोप तय किया गया है।

क्या है DMF घोटाला?

CG DMF Scam: DMF फंड यानी “डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन फंड”, जिसे खनिज संपदा से प्रभावित जिलों के विकास के लिए इस्तेमाल किया जाना था। लेकिन जांच में सामने आया है कि इस फंड का सरकारी अधिकारियों, नेताओं और कारोबारियों की मिलीभगत से गलत इस्तेमाल किया गया।

EOW की चार्जशीट में बताया गया है कि कैसे फर्जी कंपनियों, नकली दस्तावेजों और घूमती फाइलों के जरिए इस फंड को लूट की जमात बना दिया गया।

चार्जशीट में क्या-क्या शामिल है?

  • करोड़ों के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन
  • फर्जी कंपनियों से जुड़े दस्तावेज
  • बैंक स्टेटमेंट, सरकारी आदेशों की नकल
  • गवाहों के बयान और इलेक्ट्रॉनिक सबूत

DMF Chargesheet: जांच में यह भी पाया गया है कि इस पूरे खेल को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया, और हर स्तर पर प्रभाव का इस्तेमाल हुआ।

अगली सुनवाई में तय होंगे आरोप

कोर्ट ने चार्जशीट को स्वीकार करते हुए सभी आरोपियों को निर्देश दिया है कि अगली तारीख पर वे स्वयं या उनके वकील उपस्थित रहें। माना जा रहा है कि अगली सुनवाई में आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।

राजनीति में उबाल, सिस्टम पर उठे सवाल

Money Laundering: DMF घोटाले ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। जिन नामों का इस घोटाले में खुलासा हुआ है, वे सरकारी तंत्र और सियासत के सबसे ताक़तवर चेहरे रहे हैं। ऐसे में यह घोटाला सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि प्रशासनिक ईमानदारी और राजनीतिक पारदर्शिता पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है।

EOW का दावा – सबूत इतने ठोस कि सज़ा तय है

DMF Case Chhattisgarh: EOW के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने महीनों की गहन जांच के बाद यह चार्जशीट तैयार की है और इसके सबूत इतने मजबूत हैं कि आरोपियों को सजा दिलाना मुश्किल नहीं होगा।

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