CG Office Working Days: छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती सरकार में लागू 5 डे वीक खत्म…! इस विभाग से शुरुआत, कर्मचारियों ने किया विरोध

CG Office Working Days: छत्तीसगढ़ में सरकारी दफ्तरों में पांच दिवसीय कार्यप्रणाली को लेकर उठ रही संभावनाओं ने कर्मचारियों में हलचल मचा दी है। ताजा चर्चाओं में यह कहा जा रहा है कि राज्य सरकार फिर से हफ्ते में 6 day work week छह दिन काम की व्यवस्था लागू करने पर विचार कर रही है। इन खबरों पर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
अब क्यों छीना जा रहा आराम का हक?
Employee Protest: फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने साफ कहा कि यह व्यवस्था पूर्ववर्ती सरकार ने बहुत सोच-समझकर लागू की थी। पांच दिन काम और दो दिन छुट्टी से न सिर्फ कर्मचारियों को राहत मिली, बल्कि वे अपने घर-परिवार के जरूरी कामों और इलाज जैसी ज़रूरतों के लिए भी वक्त निकाल पा रहे थे। 5 day work week वीकेंड की छुट्टियों में लोग न केवल मानसिक रूप से तरोताजा होते हैं, बल्कि व्यक्तिगत जिम्मेदारियों को निभाने में भी आसानी होती है।
“काम कम नहीं हुआ, बस बेहतर हुआ”
Five Day Weekend: वर्मा ने उन दावों को भी खारिज किया जिनमें कहा जा रहा है कि पांच दिवसीय कार्यप्रणाली से दफ्तरों का कामकाज प्रभावित हुआ है। उन्होंने बताया कि आज की तारीख में अफसर और कर्मचारी घंटों ओवरटाइम काम कर रहे हैं। विधानसभा सत्र हो या साल का आखिरी महीना, जब काम का दबाव चरम पर होता है—तब यही कर्मचारी बिना छुट्टी लिए डटे रहते हैं।
“60% कर्मचारी, 100% जिम्मेदारी”
संयोजक ने एक अहम आंकड़ा भी सामने रखा। उनके मुताबिक, राज्य के अलग-अलग कैडरों में फिलहाल सिर्फ 60% पदों पर ही कर्मचारी कार्यरत हैं। इसके बावजूद वही 60% लोग पूरे 100% सरकारी योजनाओं का बोझ अपने कंधों पर ढो रहे हैं। सवाल ये है कि जब संसाधन सीमित हैं, तब छुट्टियां कम कर देना क्या वाकई समाधान है?

5 दिन की नौकरी से मिला था संतुलन
फेडरेशन ने यह भी संकेत दिए हैं कि अगर सरकार छह दिवसीय कार्य प्रणाली लागू करने की दिशा में कोई कदम उठाती है, तो संगठन विरोध दर्ज कराने के लिए पीछे नहीं हटेगा। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी कार्यक्षमता, वेलनेस और पारिवारिक जीवन से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
प्रमुख घटनाएं
रायगढ़ : कलेक्टर कार्यालय में बुधवार को निरीक्षण के दौरान 8 अधिकारी और 48 कर्मचारी सुबह 10 बजे तक उपस्थित नहीं पाए गए। सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और एक दिन का वेतन काटने की चेतावनी दी गई है।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) : कलेक्टर के औचक निरीक्षण में 41 अधिकारी और कर्मचारी समय पर कार्यालय नहीं पहुंचे। 5 विभागों के कार्यालयों में ताले लगे पाए गए। कलेक्टर ने सभी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जशपुर : यहां के अधिकांश सरकारी कार्यालयों में सुबह 10 बजे के बाद भी ताले लटके मिले। कर्मचारियों का कहना है कि वे 11 बजे के बाद आते हैं।
बिलासपुर : कलेक्टर के निर्देश पर कोटा एसडीएम ने तीन प्रमुख कार्यालयों का निरीक्षण किया, जहां 33 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
सरकार की तरफ से अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन फेडरेशन का यह रुख बताता है कि यदि बदलाव होता है तो विवाद और विरोध तय है।