CG Teacher Yuktiyuktkaran: युक्तियुक्तकरण पर फेडरेशन की सीएम से मुलाकात, शिक्षकों की चिंता पर बोले मुख्यमंत्री – होगा समाधान

CG Teacher Yuktiyuktkaran: छत्तीसगढ़ में इन दिनों स्कूल शिक्षा विभाग की युक्तियुक्तकरण (Rationalization) प्रक्रिया को लेकर घमासान मचा हुआ है। शिक्षक जहां इस फैसले को अपने भविष्य से जुड़ा गंभीर मुद्दा मान रहे हैं, वहीं विभाग इसे शिक्षा व्यवस्था को संतुलित करने की दिशा में एक ज़रूरी कदम बता रहा है। इसी बीच सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन ने अपनी आपत्तियों के साथ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात कर साफ शब्दों में अपना पक्ष रखा।

शिक्षक बोले– “2008 वाला सेटअप ही ठीक”, फेडरेशन ने रखा अपना पक्ष

राज्यभर में सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन इस प्रक्रिया का लगातार विरोध कर रहा है। फेडरेशन का कहना है कि युक्तियुक्तकरण की मौजूदा प्रक्रिया यदि 2008 के निर्धारित पद संरचना के अनुसार नहीं हुई, तो इससे हजारों शिक्षकों का भविष्य संकट में पड़ सकता है।

कुछ दिन पहले ही फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक मनीष मिश्रा ने शिक्षा सचिव और DPI से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था। मांग साफ थी—2008 में बनाए गए पद ढांचे में कोई छेड़छाड़ न की जाए ताकि पद समाप्ति, वेतन विसंगति और स्थानांतरण संबंधी समस्याएं न हों।

दंतेवाड़ा में मुख्यमंत्री से हुई मुलाकात, रखी वेतन विसंगति और पद समाप्ति की बात

फेडरेशन ने अब इस मुद्दे को सीधे मुख्यमंत्री के सामने उठाया। दंतेवाड़ा दौरे के दौरान फेडरेशन के जिलाध्यक्ष राजेश मिश्रा की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की और युक्तियुक्तकरण से जुड़ी समस्याएं उनके समक्ष रखीं।

मुख्यमंत्री ने न सिर्फ शिक्षकों की बातों को गंभीरता से सुना, बल्कि आश्वासन भी दिया कि वे जल्द ही इस विषय में संबंधित अधिकारियों से चर्चा करेंगे और शिक्षकों के हित को ध्यान में रखकर निर्णय लिया जाएगा।

शिक्षकों की दलील– पदों की कटौती से शिक्षा व्यवस्था पर पड़ेगा असर

फेडरेशन का साफ कहना है कि पहले से ही कई स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। ऐसे में यदि पद घटाए गए या स्थानांतरण में गड़बड़ी हुई, तो शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होगी। ग्रामीण इलाकों में पढ़ाई का स्तर पहले से ही चुनौती झेल रहा है और यह प्रक्रिया उन चुनौतियों को और बढ़ा सकती है।

मुख्यमंत्री के भरोसे से फेडरेशन को मिली राहत की उम्मीद

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का सकारात्मक रुख देखकर शिक्षक संघ को अब उम्मीद है कि सरकार उनकी बात सुनेगी और तर्कसंगत निर्णय लेगी। फेडरेशन ने भी साफ कर दिया है कि अगर 2008 के सेटअप के अनुसार प्रक्रिया नहीं हुई, तो आंदोलन का रास्ता खुला रहेगा।

सरकार और शिक्षा विभाग को अब जल्द ही यह तय करना होगा कि जो नीति बनाई जा रही है, वह कागजों पर सुंदर दिखने के बजाय जमीन पर भी सही साबित हो।

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