शिक्षकों की बर्खास्तगी की कार्रवाई: मुख्यमंत्री ने दिए कड़े निर्देश…

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने हाल ही में स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता सुधारने के लिए कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि शराब पीकर स्कूल आने वाले शिक्षकों, छात्राओं से अशोभनीय व्यवहार करने वालों और ड्यूटी से गायब रहने वाले शासकीय कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बर्खास्तगी की कार्रवाई
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद, शिक्षा विभाग ने अनुशासनहीनता और कर्तव्य विमुखता के मामलों में त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है। जशपुर जिले में दो शिक्षकों सहित चार कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने इन कर्मचारियों की सेवा समाप्ति के आदेश जारी किए हैं। यह कदम मुख्यमंत्री के आदेश के अनुपालन में उठाया गया है।
निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना
लोक शिक्षण संचालनालय ने समस्त संभागीय संयुक्त संचालकों, जिला कलेक्टरों और जिला शिक्षा अधिकारियों को कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पत्र जारी किया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि विद्यालयों में मदिरापान या नशे की स्थिति में आने वाले शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। इसके लिए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1966 के नियम 10 के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है।
समयपूर्व सेवानिवृत्ति की चेतावनी
मुख्यमंत्री ने कमजोर प्रदर्शन करने वाले शासकीय कर्मचारियों को समयपूर्व सेवानिवृत्ति की चेतावनी दी है। 50 वर्ष की आयु पूरी करने वाले या 20 वर्षों की सेवा अवधि पूरी कर चुके कर्मचारियों के कार्यों की समीक्षा कर, अगर वे अक्षम, अयोग्य या भ्रष्ट पाए जाते हैं तो उन्हें सेवा से हटाने की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पूर्व में जारी परिपत्रों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है।
यह निर्णय शिक्षा व्यवस्था में नैतिकता और अनुशासन बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री के इस कड़े रुख से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार शिक्षा विभाग में सुधार लाने के लिए गंभीर है और किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।