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New Government College Sirri: नवीन शासकीय महाविद्यालय सिर्री में जल्द होगी कक्षाएं प्रारंभ, 34 पदों के सृजन की मिली स्वीकृति

New Government College Sirri: छत्तीसगढ़ सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक और ठोस कदम उठाते हुए धमतरी जिले के कुरूद ब्लॉक के सिर्री गांव में नवीन शासकीय महाविद्यालय कक्षाएं प्रारंभ करने की अनुमति दे दी है। मुख्य बजट 2024-25 के प्रथम अनुपूरक बजट के तहत इस कॉलेज को मंजूरी दी गई है। धमतरी जिले के सिरीं गांव में उस दिन खुशी का माहौल था, मानो बरसों पुरानी कोई मुराद पूरी हो गई हो। जो पढ़ाई अब तक सिर्फ शहरों तक सीमित थी, वही अब गांव की दहलीज पर दस्तक देने जा रही है। कुरुद के विधायक एवं पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के प्रयास से कुरूद ब्लॉक के सिरीं गांव में एक नया सरकारी कॉलेज की सौगात मिली है। इसके साथ ही इस महाविद्यालय में 34 नए पदों की स्वीकृति भी मिल गई है। इस पहल से न केवल बच्चों को घर के पास उच्च शिक्षा मिलेगी, बल्कि शिक्षित युवाओं को महाविद्यालय में निकले भर्ती में सरकारी नौकरी के अवसर भी मिल रहा है। अब गांव में किताबों की रौशनी और उम्मीदों की उड़ान एक साथ देखी जाएगी।

पुराना आदेश रद्द, नए आदेश से सिर्री को मिला शासकीय कॉलेज

उच्च शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए 17 अक्टूबर 2024 के आदेश को तत्काल प्रभाव से किया गया निरस्त, अब नए आदेश के तहत नवीन कॉलेज सिरीं में तत्काल प्रभाव से कक्षाएं शुरू करने की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही विभिन्न पदों के सृजन को भी हरी झंडी दे दी गई है।

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34 पदों के सृजन की मिली स्वीकृति

छात्रों की पढ़ाई से लेकर कॉलेज के सुचारु संचालन के लिए कुल 34 पदों को स्वीकृति दी गई है। जानिए किस पद पर कितनी वेतन:

क्रमांकपदनामवेतनमानपद संख्या
1प्राचार्यअकादमिक लेवल-14 + ₹2000 विशेष भत्ता1
2सहायक प्राध्यापकअकादमिक लेवल-1012
3ग्रंथपालअकादमिक लेवल-101
4क्रीड़ाधिकारीअकादमिक लेवल-101
5प्रयोगशाला तकनीशियनलेवल-065
6सहायक ग्रेड-1लेवल-071
7सहायक ग्रेड-2लेवल-061
8सहायक ग्रेड-3लेवल-041
9डाटा एंट्री ऑपरेटरलेवल-061
10प्रयोगशाला परिचारकलेवल-035
11भृत्य (मृत्य)लेवल-012
12बुक लिफ्टरलेवल-011
13स्वच्छकलेवल-011
14चौकीदारलेवल-011
कुल पद34

गांव की मिट्टी में बोए गए शिक्षा के बीज

इस फैसले से सिर्री और आसपास के गाँवों के छात्र-छात्राओं को अब उच्च शिक्षा के लिए शहरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा। पहले जहां बच्चों को कॉलेज के लिए सायकल से दुरी तय कर दूर जाना पड़ता था, अब अपने ही गांव में सरकारी कॉलेज की सुविधा उपलब्ध होगी।

नौकरी के अवसर भी खुलेंगे

सरकारी कॉलेज खुलने का मतलब सिर्फ पढ़ाई नहीं है, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए सरकारी नौकरी के नए दरवाजे भी खुलेंगे। शिक्षकों से लेकर लैब स्टाफ, ग्रंथपाल, डाटा एंट्री ऑपरेटर और सफाई कर्मचारी तक—हर वर्ग के लिए अवसर हैं।

स्थानीय जनता में खुशी की लहर

गांव वालों ने इस फैसले का तहे दिल से स्वागत किया और इसे राज्य सरकार और कुरूद विधायक अजय चंद्राकर की दूरदर्शी सोच का नतीजा बताया। लोगों का कहना है कि जिसने गांव की मिट्टी में शिक्षा के बीज बोए, वही असली विकासकर्ता कहलाता है। उनके मुताबिक, ये कदम सिर्फ एक कॉलेज की शुरुआत नहीं, बल्कि गांव के भविष्य को रौशन करने वाली पहल है — जो आज नहीं तो कल, सैकड़ों जिंदगियों की दिशा बदल देगा।

शिक्षा का विकेंद्रीकरण ही असली विकास है।

छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में, जहां आज भी कई गांव बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसते हैं, वहां किसी गांव में सरकारी कॉलेज की शुरुआत होना सिर्फ एक सरकारी घोषणा नहीं होती — यह बदलाव की आहट होती है। जब राज्य सरकार कुरूद के सिर्री जैसे गांव में शासकीय महाविद्यालय खोलने की मंजूरी देती है, तो वह सिर्फ एक इमारत नहीं बनवाती, बल्कि हजारों सपनों की बुनियाद रखती है।

छोटे गांवों के बच्चों का संघर्ष किसी से छिपा नहीं। सुबह खेत, दोपहर स्कूल और फिर घर के काम — पढ़ाई अक्सर पीछे छूट जाती है। ऊपर से अगर कॉलेज दूर शहर में हो, तो बच्चों को या तो पढ़ाई छोड़नी पड़ती है या फिर परिवार को आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है। ऐसे में जब गांव में ही सरकारी कॉलेज खुले, तो समझिए कि ये सिर्फ डिग्री की शुरुआत नहीं, जीवन की दिशा बदलने वाला फैसला है।

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